जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 22 मार्च को

  • क्या एबीवीपी खत्म कर पाएगी वाम संगठनों के वर्चस्व को

नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की चुनाव संघ के लिए मतदान 22 मार्च को होगा। इसकी घोषणा जेएनएसयू ने कर दी है। समिति ने चुनाव की विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है।


समिति के मुताबिक चुनाव की तैयारी सोमवार 11 मार्च से शुरू हो जाएगी। मतदाता सूची का प्रकाशन भी किया जाएगा। उसके बाद गुरुवार को नामांकन फार्म वितरित किए जाएंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि शुक्रवार, 15 मार्च है। नामांकन पत्रों की जांच 16 तारीख को होगी।


मतदान दो चरणों में 22 मार्च को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगा। चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे। चुनाव से पहले चुनाव समिति ने विश्वविद्यालय परिसर में वाद-विवाद समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार को उम्मीद है कि इन आयोजनों से मतदाताओं के विचार को विभिन्न दलों की नीतियों और लक्ष्यों के बारे में अधिक स्पष्ट किया जा सकेगा।


जेएनयू छात्र चुनाव का दिल्ली की राजनीति में अलग महत्व है। जेएनयू छात्र संघ के आखिरी चुनाव सितंबर 2019 में हुए थे। वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई की नेता आइशी घोष चुनाव जीतकर विश्वविद्यालय के छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं। उन्होंने एबीवीपी उम्मीदवार को 2,313 मतों से हराया।

लेकिन पिछले चार सालों में दिल्ली के बीचोंबीच बसी इस यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने अपनी ताकत बढ़ाई है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जेएनयू छात्र वोट ने एक अलग ही महत्व पैदा कर दिया है।

पर्यवेक्षक इस बात पर नजर रख रहे हैं कि एबीवीपी कितनी मजबूत हो गई है और क्या यह विश्वविद्यालय में एसएफआई के आधार को हिला देगा। इस चुनाव के नतीजे दिल्ली में छात्र राजनीति के भविष्य के संकेतक होने की उम्मीद है।