नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव द्वारा विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के एक समारोह में दिए गए कथित भाषण पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को संबंधित अदालत से विस्तृत जानकारी मांगी।
शीर्ष अदालत ने न्यायमूर्ति यादव के कथित भाषण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय को विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए भाषण की समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लिया है। उच्च न्यायालय से विवरण और जानकारियां मंगाई गई हैं तथा मामला विचाराधीन है।’’
न्यायाधीश ने विहिप के एक समारोह में कहा था कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है।
न्यायमूर्ति यादव ने यह टिप्पणी आठ दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विहिप के प्रांतीय विधिक प्रकोष्ठ एवं उच्च न्यायालय इकाई के सम्मेलन को संबोधित करते हुए की।
बहुमत के अनुसार काम करने वाले कानून सहित विभिन्न मुद्दों पर न्यायमूर्ति यादव के वीडियो एक दिन बाद व्यापक रूप से प्रसारित हो गये। इसपर विपक्षी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और उन्होंने न्यायाधीश के कथित बयानों पर सवाल उठाए तथा इसे घृणास्पद भाषण करार दिया।