- कोर्ट ने हिरासत एक मार्च तक बढ़ाई, अगली सुनवाई 17 फरवरी को
- 13 दिसंबर 2023 को संसद सत्र के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे सागर शर्मा और मनोरंजन डी
नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गिरफ्तार किए गए छह में से पांच आरोपियों ने बुधवार को एक अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस उन्हें विपक्षी दलों के साथ अपने संबंध स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर प्रताड़ित कर रही है।
पांच आरोपियों ने यह दलील अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष दी। न्यायाधीश ने सभी छह आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक मार्च तक बढ़ा दी।
पांच आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत ने अदालत को बताया कि लगभग 70 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें मजबूर किया गया था।
उन्होंने अदालत को बताया- आरोपी व्यक्तियों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अपराध करने और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के साथ उनके संबंध होने की बात स्वीकार करने के लिए प्रताड़ित किया गया/बिजली के झटके दिए गए।
अदालत ने मामले में पुलिस से जवाब मांगा और अर्जी पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की।इस मामले की छठी आरोपी नीलम आजाद हैं।
संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन गत 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त हुई थी जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए थे और उन्होंने नारेबाजी करते हुए ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था।
घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था।ठीक इसी वक्त पीले रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले दो अन्य लोगों अमोल शिंदे और नीलम को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन लोगों ने ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए थे।