किसान आंदोलन में शहीद हुआ एक और अन्नदाता
तरनतारन के पाहुविंड गांव के रहने वाले थे रेशम सिंह, प्रदर्शन के बावजूद मुद्दों के समाधान न होने से थे परेशान
चंडीगढ़ /राजपुरा /जींद। पटियाला के शंभू बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बीच तरनतारन निवासी किसान रेशम सिंह (55) ने आँदोलन स्थल पर सल्फास की गोलियां खा लीं। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। किसान का कहना था कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, इसलिए वे जहर खा रहे हैं। उधर, खनौरी बार्डर पर एक किसान झुलस गया। उसे समाना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तरन तारन जिले के पाहुविंड के रहने वाले रेशम सिंह ने शंभू बॉर्डर पर यह दर्दनाक कदम उठाया, जहां किसान पिछले करीब एक साल से केंद्र सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों नेताओं ने बताया कि रेशम सिंह लंबे समय से चल रहे प्रदर्शन के बावजूद मुद्दों का समाधान नहीं करने के कारण केंद्र सरकार से नाराज थे।
रणजोध ने 18 दिसंबर को कर ली थी आत्महत्या
एक अन्य किसान रणजोध सिंह ने 18 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली थी। रणजोध सिंह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) की बिगड़ती सेहत से परेशान थे, जो 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
पंढेर ने 25 लाख मुआवजा देने की मांग की
गुरुवार की इस घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक सरकार किसानों के मुद्दे पर बातचीत शुरू नहीं करेगी, किसान रेशम सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल में ही पड़ा रहेगा। पंढेर ने कहा, जब तक सरकार वार्ता नहीं करती शहीद हुए किसान का पार्थिक शरीर पटियाला राजिंदरा अस्पताल में पड़ा रहेगा. ना ही पोस्टमार्टम हम करने देंगे. सरकार से मांग है कि 25 लाख की सहायता, सरकारी नौकरी और कर्जमाफी किसान रेशम सिंह की की जाए. इस किसान आंदोलन की यह 37वीं मौत है. 45 दिन से जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. सरकार बातचीत करे और मांगों को माने. किसान रेशम सिंह की आत्महत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर भी मामला दर्ज होना चाहिये।
खनौरी बार्डर पर झुलसा किसान
एक ऐसी ही खबर खनौरी बॉर्डर से आई है जहां आंदोलन में शामिल एक किसान आग से झुलस गया। पानी गर्म करने के दौरान यह घटना हुई. बताया जा रहा है कि लकड़ी के गीजर से आग लगने के कारण किसान झुलस गया. किसान का नाम गुरदियाल सिंह है। गंभीर घायल होने के बाद किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह किसान कई दिनों से खनौरी बॉर्डर पर जारी धरना प्रदर्शन में शामिल है। आग के झुलसने के बाद उसे समाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शंभू बॉर्डर पर डेढ़ महीने से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं। डल्लेवाल का कहना है कि वे किसी भी तरह का उपचार तभी लेंगे जब सरकार उनकी मांगों पर बातचीत करेगी। डल्लेवाल ने बुधवार को यह भी कहा कि अगर वे मर जाते हैं तो उनके शव को शंभू बॉर्डर पर धरनास्थल पर रखकर कोई और किसान इस आंदोलन को जारी रखे।