- अधीर रंजन ने लोक सभा स्पीकर बिरला को पत्र लिखकर कहा, एथिक्स कमेटी की भूमिका क्या है, स्पष्ट नहीं
- सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही महुआ पर रिपोर्ट सौंप सकती है एथिक्स कमेटी
आलोक वर्मा
संसद की एथिक्स कमेटी सोमवार को तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप सकती है। सोमवार चार दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। लेकिन उससे पहले ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा का उल्लेख करते हुए संसदीय कमेटियों के नियम और उनके काम करने के तरीके पर चर्चा करने की मांग की है।
बांग्ला अखबार आनंद बाजार पत्रिका के अनुसार अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा स्पीकर को चार पन्नों का एक पत्र दिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि अधिकार रक्षा कमेटी और एथिक्स कमेटी की भूमिका क्या है यह स्पष्ट नहीं है। साथ ही “अनैतिक आचरण” की कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मोइत्रा के खिलाफ “पैसे लेकर प्रश्न पूछने” मामले की अभी जांच चल रही है, उसके गोपनीय होने की बात कही गई है। यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। इसके बावजूद एथिक्स कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों ने मामले को गोपनीय नहीं रखा बल्कि उस पर सार्वजनिक रूप से टीका टिप्पणी भी की।
अधीर रंजन चौधरी द्वारा लोक सभा स्पीकर को पत्र लिखने को महुआ मोइत्रा के पक्ष में बड़ा कदम माना जा रहा है। चौधरी पहले भी इस मामले में महुआ के समर्थन में बोल चुके हैं।
आनंद बाजार के रिपोर्टर से बातचीत में अधीर ने कहा कि महुआ ने संसद में अडाणी पर सवाल पूछकर कोई गलत काम नहीं किया है। सांसद का काम संसद में प्रश्न पूछना ही है। लेकिन सत्ताधारी दल के पसंद का प्रश्न पूछने वाले का मुंह बंद कराना लोकतांत्रिक व्यवस्था में संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है। दुबे ने इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष से जांच की मांग की। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को भी पत्र लिखकर लोकसभा वेबसाइट से जुड़ी जानकारी लीक होने के आरोपों की जांच करने की मांग की है।
दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से की गई एक शिकायत के आधार पर ये आरोप लगाए हैं।
महुआ के पूर्व बॉयफ्रेंड देहाद्रई के अनुसार, महुआ ने अपने ऑनलाइन लोकसभा एकाउंट का पूरा एक्सेस दर्शन हीरानंदानी को दे दिया था, जिन्होंने इसके जरिए अपने पसंद के सवाल लोकसभा में पूछे। उनका आरोप है कि महुआ ने अपने कार्यकाल के दौरान जो 61 सवाल पूछे, उनमें से 50 हीरानंदानी के थे। उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ के ऑनलाइन लोकसभा अकाउंट के जो सवाल पूछे गए, उनमें से ज्यादातर अडाणी समूह पर थे और इनका मकसद गौतम अडाणी और सरकार को बदनाम करना था।
बीबीसी के अनुसार लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच के बाद अपनी उस ड्राफ्ट रिपोर्ट को अडॉप्ट कर लिया है, जिसमें उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। निशिकांत दुबे के आरोप की जांच के बाद एथिक्स कमेटी ने ‘अनैतिक आचरण’ और ‘गंभीर अपराध’ के आरोप में उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफारिश कर दी है।