खरगे ने राज्यसभा में मोदी सरकार को घेरा, कहा- हर मोर्चे पर असफल सरकार पूर्ववर्तियों पर दोष मढ़ती है

  • कांग्रेस अध्यय शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे
  • कहा-न केवल युवाओं, किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए बल्कि विपक्षी नेताओं के केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही

नई दिल्ली। सरकार पर हर मोर्चे पर असफल रहने तथा पूर्ववर्ती सरकारों पर दोष मढ़ने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि न केवल युवाओं, किसानों से किए गए वादे अब तक अधूरे हैं बल्कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का भी दुरुपयोग किया जा रहा है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि पिछली सरकारों ने कई काम नहीं किए।

खरगे ने कवि हिमांशु वाजपेयी की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा,

‘‘न खाता न बही है,

जो तुम बोले वही सही है

न्यूज यह छप रही है

सब कुछ बिलकुल सही है

सच पर एफआईआर क्यों

रासुका की मार क्यों

झूठ की जयजयकार क्यों

निष्ठुर है सरकार क्यों’’

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और सरकार अपनी असफलताओं को छिपा रही है।

संसद की सुरक्षा चूक की घटना को लेकर खरगे ने कहा कि सरकार लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर की सुरक्षा करने में नाकाम रही और इस मामले में पकड़े गए आरोपियों का कहना है कि उन पर कुछ लोगों का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

झारखंड के बारे में उन्होंने कहा कि वहां सरकार गठन में समय लगा लेकिन बिहार में हुए राजनीतिक घटनाक्रम में सब कुछ आसानी से हो गया।

उन्होंने यह भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनावों के बाद देश में आगे चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।खरगे ने कहा कि संघीय ढांचे की बात की जाती है लेकिन विपक्ष शासित राज्यों में प्राकृतिक आपदा आने पर राहत राशि उन्हें नहीं दी गई तथा पश्चिम बंगाल का मनरेगा का बकाया रुका हुआ है।

भारत तब ही विकसित बनेगा जब समाज विकसित होगा

बीते दस साल में करीब 140 योजनाएं शुरू की गईं जिनमें से करीब 20 योजनाएं ‘प्रधानमंत्री’ शब्द के साथ हैं जैसे पीएम किसान योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम आवास योजना आदि। उन्होंने कहा ‘‘भारत तब ही विकसित बनेगा जब समाज विकसित होगा।’’

मोदी सरकार नहीं पीएम की गारंटी कहा जाना चाहिए

उन्होंने कहा कि देश के करीब 2,50,000 गांवों में 1,500 वाहनों को भेजा जा रहा है जिन पर लिखा है ‘‘मोदी सरकार की गारंटी।’’ उन्होंने कहा ‘‘इसे पीएम की गारंटी कहा जाना चाहिए क्योंकि चुनाव करीब है। अखबारों में ऐसी गारंटी वाले विज्ञापन भी आ रहे हैं।’’

खरगे ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के किए गए उल्लेखनीय कामों को लेकर उनकी कभी सराहना नहीं की गई बल्कि बार बार उनकी आलोचना की गई। उन्होंने इसे सत्यता को छिपाने का प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा कि साक्षरता दर 1951 में 18.3 प्रतिशत थी जो 2013-14 में 74 फीसदी हुई तथा आज यह 77 प्रतिशत है।

खरगे ने कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं को कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही देश को ऊपर लाने का काम करती है। उन्होंने कहा कि जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, संविधान की रक्षा नहीं करेंगे तो कमजोर वर्ग के लोगों और गरीबों को विकास का लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी और कई बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने कहा कि चाहे मेडिकल कॉलेज हो, इंजीनियरिंग कॉलेज हो, उनका लाभ सभी को मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि देश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण इन संस्थानों में मिलना चाहिए किंतु कोई न कोई बहाना बनाकर इस वर्ग के बच्चों को यह लाभ नहीं मिल रहा है।

सामाजिक न्याय विभाग से बच्चों को नहीं मिल रही छात्रवृत्ति

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी दावा किया सामाजिक न्याय विभाग से इन बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी कई लाभार्थियों को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि एक व्यक्ति जो पार्टी बदल चुका है और अब एक मुख्यमंत्री है उसने एक विवादास्पद बयान दिया है। इसके बाद जब खरगे ने वह बयान पढ़ा तो सभापति धनखड़ ने इस बयान को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया।

मोदी शासन में औसत आयु नौ माह कम हुईं

उन्होंने कहा कि शिशु मृत्युदर 1951 से पहले प्रति एक हजार पर 165 थी जो 2013-14 में प्रति एक हजार पर 38 हुई और आज यह प्रति एक हजार पर 29 है। उनके अनुसार, जीवन प्रत्याशा पहले 32 साल थी जो 70 साल तक बढ़ती रही और 70 साल हो गई लेकिन ‘‘आपके जमाने में यह नौ माह कम हो गई।’’सरकारी प्राथमिक स्कूलों की संख्या घटी खरगे ने कहा कि प्राथमिक स्कूल 1951 से पहले दो लाख नौ हजार थे जो 2013-14 में सात लाख 90 हजार हुए लेकिन आज इनकी संख्या घट गई क्योंकि ‘‘आपने निजी स्कूलों को बढ़ावा दिया है। हाई स्कूलों और कालेजों की भी यही स्थिति है।’’उन्होंने सवाल किया ‘‘नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने की क्या जरूरत थी ?’’

खरगे ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लोग पढ़े लिखे हैं किंतु उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री युवाओं को बहुत आकर्षित करते हैं किंतु देश का युवा भूखे पेट उनकी बात भला क्या सुन पाएगा?

खरगे ने कहा कि आज सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लगातार बंद हो रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र पर ध्यान देने के बजाय पब्लिक सेक्टर पर ध्यान दिया जाना चाहिए और इसे खत्म करने की जगह इसकी खामियों को दूर किया जाना चाहिए।’’

सेना में भर्ती की अल्पकालिक ‘अग्निपथ’ योजना का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा ‘‘अग्निवीर चार साल के बाद कहां जाएंगे ? पहले कहा गया कि 100 लोगों में से केवल 25 को हटाया जाएगा, शेष 75 को रखा जाएगा। लेकिन आज हालत इसके बिल्कुल उलट है।’’

खरगे ने कहा ‘‘हाल ही में (पूर्व सेना प्रमुख) जनरल एम एम नरवणे ने बताया कि अग्निपथ योजना केवल सेना के लिए आनी थी जिसमें 75 अभ्यर्थियों को रखने और 25 को हटाने का प्रावधान था।

लेकिन प्रधानमंत्री ने किसी से विचारविमर्श किए बिना यह योजना नौसेना और वायुसेना में भी लागू कर दी और इसमें 25 अभ्यर्थियों को रखने तथा 75 को हटा देने का नियम बना दिया गया।’’कांग्रेस अध्यक्ष ने महंगाई का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा ‘‘टमाटर, प्याज, तेल, अनाज, दाल… ऐसी कौन सी चीज है जिसके दाम दोगुने नहीं हुए।’’

खरगे ने कहा कि महंगाई की वजह से आम आदमी चौतरफा परेशानियों का सामना कर रहा है।उन्होंने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने उनकी आमदनी दोगुना करने का और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी वादा किया था लेकिन यह वादा ही रहा और किसानों की आमदनी में सालाना 1.5 फीसदी की गिरावट आई।

उन्होंने कहा ‘‘पिछले पांच साल में कृषि के बजट में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लौटाई गई है।’’

उन्होंने कहा कि किसान फसल बीमा योजना का असली फायदा एजेंट उठा रहे हैं और किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है तथा योजना शुरू होने के बाद दो करोड़ 25 लाख किसानों को इसके दायरे से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना से 40 फीसदी किसान बाहर किए गए।

जातीय जनगणना पर भी घेरा

उन्होंने कहा कि वह सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना चाहते हैं क्योंकि इससे वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और फिर जरूरी योजनाएं बनाई जा सकती हैं। उन्होंने ‘‘जो लोग सामाजिक न्याय में विश्वास रखते हैं, वे जरूर इसे मानेंगे।’’

मणिपुर की चुप्पी पर उठाए सवाल

मणिपुर की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बारे चुप्पी साध रखी है और अब तक वहां गए भी नहीं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर में हालात चिंताजनक हैं और सरकार कहती है कि वहां शांति है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हाल ही में नक्सली घटना हुई और कुछ जवानों की जान गई, फिर भी वहां शांति के दावे किए जाते हैं।

उन्होंने गुजरात दंगों से जुड़े बिल्कीस बानो मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मामले के दोषियों को रिहा किए जाने पर भी कुछ नहीं कहा गया, उल्टे उनका स्वागत किया गया।

खरगे ने कहा कि खुद आरएसएस प्रमुख कह चुके हैं कि आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री ने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा और अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आरएसएस प्रमुख प्रधानमंत्री के साथ बैठे नजर आए।महिला आरक्षण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक तो पारित हो गया लेकिन महिलाओं को आरक्षण लंबे समय के बाद मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इस सरकार के प्रदर्शन को देख कर नहीं लगता कि वह इस बार के चुनाव में सत्ता हासिल कर पाएगी।

चुनाव आयोग खतरे में

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जिस तरह प्रमुख चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को नियंत्रित कर रही है उससे चुनाव आयोग खतरे में है।

‘भारत में तो गुरू बन जाइये, विश्व गुरू बाद में बनियेगा

खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में चीन के बारे में कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने ‘‘इसमें कहा गया है कि सेना जैसे को तैसा जवाब दे रही है। लेकिन सच यह है कि हमारी जमीन पर चीनी सैनिक अक्सर आते हैं।

यह स्थिति बनी रहने पर आने वाले समय में हमारी सीमाओं पर शांति नहीं रहेगी।’’उन्होंने तंज किया कि ‘‘भारत में तो गुरू बन जाइये, विश्व गुरू बाद में बनियेगा।’’

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उन्होंने कहा ‘‘गरीबों और कमजोर वर्गों को न्याय मिले, यह कांग्रेस की नीति है और हम इस पर चलते रहेंगे।’’