आंदोलनरत किसानों का 13 फ़रवरी को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत का ऐलान

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, मोदी सरकार अगर किसानों की हिमायती है तो बजट में किसानों के लिए करे बड़ा ऐलान

किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर 13 फ़रवरी को शंभू बॉर्डर पर एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शुक्रवार शाम को एक प्रेस वार्ता के दौरान की। पंधेर ने कहा कि इस महापंचायत में किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
बजट पर किसानों की निगाहें:
पंधेर ने कहा कि किसानों की निगाहें एक फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई हैं। अगर मोदी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है तो उन्हें बजट में किसानों के लिए बड़ा प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
महापंचायत में लिए जाएंगे अहम फैसले:
13 फ़रवरी को होने वाली महापंचायत में किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें किसानों की आय, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य, बिजली, पानी और खाद की समस्या जैसे मुद्दे शामिल हैं। पंधेर ने कहा कि इस महापंचायत में किसानों की एकता को और मजबूत करने पर भी विचार किया जाएगा।
किसान आंदोलन की सफलता:
पंधेर ने कहा कि किसान आंदोलन पिछले एक वर्ष में काफी सफल रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी एकता और हौसले से सरकार को उनकी मांगों पर झुकने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आगे भी किसान आंदोलन जारी रहेगा और किसानों के सभी मुद्दों का समाधान होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
सरकार की बेरुखी:
पंधेर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों पर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
महापंचायत की तैयारी:
महापंचायत को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। किसानों को महापंचायत में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। पंधेर ने कहा कि यह महापंचायत किसानों की एकता और ताकत का प्रदर्शन होगा
दिल्ली कूच दोनों फॉर्मों के अगले आदेश तक स्थगित– किसान आंदोलन के तहत दिल्ली कूच का फैसला फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने की है। उन्होंने बताया कि दोनों किसान संगठनों की चर्चा के बाद यह निर्णय लिया जाएगा और अगली रणनीति के बारे में जल्द ही जानकारी दी जाएगी। दिल्ली कूच स्थगित होने के बावजूद किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाए रखेंगे।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार:
अब देखना होगा कि सरकार किसानों के इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देती है। किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई करेगी।


शंभू बॉर्डर पर किसान नेता की मौत, संघर्ष समिति में शोक की लहर
इसबीच, शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मजदूर संघर्ष समिति के मोर्चे में एक बड़ी दुखद घटना हुई है। मोर्चे में शामिल अमृतसर जिले के लोपोके तहसील के गांव कक्कड़ के रहने वाले किसान प्रगट सिंह का निधन हो गया है।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, किसान प्रगट सिंह की मौत हृदय गति रुक जाने से हुई है। हालांकि, मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम करवाया गया है। किसान प्रगट सिंह काफी लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर किसानी संघर्ष में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके परिवार में एक अविवाहित बेटा और विवाहित बेटियां हैं।
किसान नेता प्रगट सिंह के निधन से पूरे संघर्ष समिति में शोक की लहर दौड़ गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसान प्रगट सिंह के पार्थिव शरीर को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का झंडा डालकर नम्रतापूर्वक श्रद्धांजलि दी और उनके पैतृक गांव की ओर रवाना किया।
किसानों में शोक
किसान प्रगट सिंह के निधन से शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों में गहरा शोक है। किसानों ने कहा कि किसान प्रगट सिंह एक मजबूत और दृढ़ निश्चयी किसान थे, जो हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ते रहे।
अंतिम संस्कार:
किसान प्रगट सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव अमृतसर जिले के लोपोके तहसील के गांव कक्कड़ में किया जाएगा।