हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार, नायब सैनी ने आठ मंत्री किए शामिल

 

चंडीगढ़। हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने मंगलवार को आठ विधायकों को मंत्री बनाकर पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया।

सैनी और पांच मंत्रियों ने पिछले सप्ताह शपथ ली थी।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यहां राजभवन में नये मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

हिसार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कमल गुप्ता ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

गुप्ता ने संस्कृत में शपथ ली। वह पूर्ववर्ती मनोहर लाल मंत्रिमंडल में भी मंत्री थे।

इसके बाद फरीदाबाद के बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा, पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा, अंबाला शहर से विधायक असीम गोयल, महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी से विधायक अभय सिंह यादव, कुरुक्षेत्र के थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, भिवानी के बवानी खेड़ा से विधायक बिशंबर सिंह वाल्मीकि और गुरुग्राम के सोहना से विधायक संजय सिंह ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ली।

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।

खट्टर ने करनाल जिले के घरौंडा में एक रैली को संबोधित किया और हरियाणा में हुए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा, “मैं आज बहुत खुश हूं। मुझे वही खुशी महसूस हो रही है जो परिवार के एक बड़े को होती है…।”

इस कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को भी शामिल होना था, लेकिन एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी की कुछ व्यस्तताओं के कारण वह नहीं आ सके।

खट्टर ने कहा कि बदलाव जीवन का हिस्सा है, राजनीतिक क्षेत्र में भी परिवर्तन होते रहते हैं। हालांकि उन्होंने यह संकेत भी दिया कि नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय अचानक नहीं लिया गया।

खट्टर ने कहा, “ऐसा नहीं है कि यह अचानक हुआ। एक साल से मैं नेतृत्व से कह रहा था कि यह सही समय है… एक नया चेहरा लाओ।”

उन्होंने कहा कि वह इच्छा पिछले हफ्ते पूरी हुई और पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि कुरूक्षेत्र के सांसद सैनी अगले मुख्यमंत्री होंगे।

उन्होंने कहा, “भाजपा के अनुशासित सिपाही के रूप में हम कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। हमारी चिंता राज्य और देश को आगे ले जाने की है।”

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता खट्टर ने कहा कि अन्य दलों में सत्ता के लिए खींचतान चलती रहती है और हरियाणा सहित कांग्रेस में गुटबाजी देखी जा रही है।

हरियाणा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए खट्टर ने कहा कि पहले जब वह 2014 में मुख्यमंत्री बने थे तो विपक्ष कहता था कि उनके पास अनुभव की कमी है और वह सरकार कैसे चलाएंगे।

उन्होंने कहा, “हमें उनके जैसे लूट में लिप्त होने का अनुभव नहीं था। लेकिन मेरे पास तब 40 वर्षों तक लोगों की सेवा करने का अनुभव था… वे हमारे पोर्टल, हमारी प्रमुख योजनाओं जैसे परिवार पहचान पत्र और अन्य योजनाओं की आलोचना करते हैं और कहते हैं कि यदि वे सत्ता में आए तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा।’’

खट्टर ने कहा, “मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि इन योजनाओं से जिन विभिन्न वर्गों के लोगों को फायदा हो रहा है, वे उन्हें चुनाव में सबक सिखाएंगे।”

करनाल से विधायक पद से इस्तीफा देने वाले खट्टर को करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। खट्टर ने कहा, “जब मैंने करनाल से इस्तीफा दिया तो मैंने पार्टी आलाकमान को बताया कि करनाल को “मुख्यमंत्री सिटी” का ‘टैग’ मिला है और प्रस्ताव दिया कि सैनी को वहां से चुनाव लड़ना चाहिए।”

सभा को संबोधित करते हुए सैनी ने कहा कि वह खट्टर ही थे जिन्होंने उनकी उंगली पकड़कर उनके राजनीतिक करियर में उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि खट्टर ने राज्य को आगे ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि खट्टर के कार्यकाल में गरीबों और कमजोर वर्गों सहित विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई गईं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हरियाणा के लोग 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी सभी 10 सीटें “मोदी जी की झोली में” डालेंगे।