HomeBlogमंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! मंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! 14 October 202514 October 2025Pratibimb Media कविता अंत तो मौत है! मंजुल भारद्वाज अंत तो मौत है आओ जी कर देखते हैं ! माना उसके पास सत्ता है,व्यवस्था है उसका हारना कठिन हो पर, आओ ललकार कर देखते हैं ! शरीर भोग है जलकर मिलेगा ख़ाक में आओ चेतना की चिंगारी से दुनिया में उजाला करते हैं! Post Views: 48
वामपंथी छात्र संगठनों ने जावेद अख्तर को दिल्ली में हिंदी सिनेमा में उर्दू की भूमिका पर बोलने के लिए दिया निमंत्रण वामपंथी छात्र संगठनों ने जावेद अख्तर को दिल्ली में हिंदी सिनेमा में उर्दू की भूमिका पर बोलने के लिए दिया…
तृणमूल सांसदों में घमासान, एकदूसरे पर जमकर बरसे राजनीति – पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की मुश्किल बढ़ा रहे उनके लोकसभा सदस्य पश्चिम बंगाल के 25 हजार से अधिक…
मेहनतकशों के महान शायर फैज अहमद फैज मुनेश त्यागी हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, एक खेत नहीं एक देश नहीं हम सारी…