पश्चिम बंगालः नौकरी खो चुके ग्रुप सी और ग्रुप डी श्रमिकों के लिए मासिक अनुदान को मंजूरी!
ग्रुप सी कर्मचारियों को 25 हजार और ग्रुप डी कर्मचारियों को 20 हजार रुपये हर माह देगी राज्य सरकार
ममता बनर्जी ने घोषणा की कि राज्य मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है
कोलकाता। आपातकालीन परिस्थितियों में अपनी नौकरी गंवाने वाले शिक्षा विभाग के ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को राज्य सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले की थी। अपने वादे को पूरा करते हुए बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ममता ने घोषणा को अमली जामा पहना दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में श्रम विभाग के तहत एक नई परियोजना शुरू की गई है। राज्य उन शिक्षाकर्मियों को ‘अनुदान’ प्रदान करेगा जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है। ग्रुप सी के कर्मचारियों को 25,000 रुपये प्रति माह और ग्रुप डी के कर्मचारियों को 20,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
ममता बनर्जी ने बताया कि जब तक मामला अदालत में चलता रहेगा तब तक पश्चिम बंगाल सरकार नौकरी गंवाने वाले शिक्षाकर्मियों को यह सहायता प्रदान करेगी ताकि वे अपने परिवारों का भरण-पोषण कर सकें । मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि यह एक अप्रैल से लागू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल का पैसा कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ही मिलेगा।
ममता ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने इस पर रोक इसलिए लगाई है ताकि इस संबंध में कोई जनहित याचिका (पीआईएल) न हो। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां कुछ लोग हैं जो शब्दों का फायदा उठाकर लोगों की हत्या कर देते हैं।’’ “नौकरी देने का कोई इरादा नहीं है, आप हत्यारे हैं!” श्रम विभाग के तहत राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर ‘पश्चिम बंगाल आजीविका और सामाजिक सुरक्षा अंतरिम योजना’ कहा जाता है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार उन ग्रुप सी और ग्रुप डी श्रमिकों को अनुदान प्रदान करेगी जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग के जरिए नियुक्त 26,000 नौकरियों को रद्द कर दिया है। इसमें न केवल शिक्षक बल्कि शिक्षाकर्मी भी शामिल हैं। राज्य सरकार की याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए अदालत ने कहा कि जिन शिक्षकों की नौकरी चली गई है, वे समीक्षा मामले के सुलझने तक स्कूल जा सकेंगे। लेकिन शिक्षाकर्मियों के मामले में अदालत ने यह मंजूरी नहीं दी। इसीलिए राज्य सरकार को वैकल्पिक रास्ता अपनाना पड़ रहा है। इसकी घोषणा पहले ही कर दी गई थी। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस पर अपनी मंजूरी दे दी।