जानिए, क्यों एमआईटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोकी गई भारतीय-अमेरिकी छात्रा
गाजा में जारी युद्ध की निंदा और फलस्तीन के पक्ष में भाषण के बाद विश्वविद्यालय ने लगाया प्रतिबंधित
न्यूयॉर्क। मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में पढ़ाई कर रही एक भारतीय-अमेरिकी छात्रा को गाजा में जारी युद्ध की निंदा करने वाला भाषण देने के बाद दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोक दिया गया। मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई।
एमआईटी की छात्रा मेघा वेमुरी का नाम गाजा में जारी युद्ध का विरोध करने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने वाले छात्रों की सूची में नवीनतम है।
वेमुरी ने सीएनएन को बताया कि उसके भाषण के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उसे बताया कि उसे शुक्रवार को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में भाग लेने की अनुमति नहीं है तथा कार्यक्रम समाप्त होने तक उसे परिसर में भी आने की अनुमति नहीं है।
एमआईटी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि वेमुरी को दीक्षांत समारोह में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
स्कूल के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘एमआईटी स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करता है लेकिन वह अपने उस निर्णय पर कायम है, जो उस छात्रा के जानबूझकर और बार-बार समारोह के आयोजकों को गुमराह करने और मंच से विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के जवाब में लिया गया है।’’ स्कूल ने हालांकि कहा कि उसे उसकी डिग्री दी जाएगी।
जॉर्जिया में पली-बढ़ी वेमुरी कैम्ब्रिज में बृहस्पतिवार को आयोजित ‘वनएमआईटी’ दीक्षांत समारोह में वक्ता थी, जहां वह अपने दीक्षांत समारोह के गाउन पर केफियेह पहनकर मंच पर पहुंची। केफियेह को फलस्तीन के समर्थन में एकजुटता का प्रतीक माना जाता है।
वेमुरी ने गाजा में जारी युद्ध का विरोध करने के लिए अपने साथियों की प्रशंसा की तथा विश्वविद्यालय के इजराइल के साथ संबंधों की आलोचना की थी।
एमआईटी के एक प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि वेमुरी ने जो भाषण दिया वह उनकी ओर से पूर्व में उपलब्ध कराए गए भाषण की प्रति से मेल नहीं खाता।
वेमुरी के पिता सरत ने बताया कि वह ‘कम्प्यूटेशन’ एवं कॉग्निशन तथा भाषा विज्ञान में दोहरी डिग्री प्राप्त कर रही है तथा उसे बताया गया कि उसे डिप्लोमा डाक से प्राप्त होगा।
वेमुरी ने कहा कि वह अपने परिवार की शुक्रगुजार है जो इस सप्ताह उसके समर्थन में खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि वह मंच पर नहीं जाने देने से निराश नहीं है।
वेमुरी ने कहा, ‘‘मुझे ऐसी संस्था के मंच पर जाने की कोई जरूरत नहीं है जो इस नरसंहार में शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं निराश हूं कि एमआईटी के अधिकारियों ने बिना किसी गुणदोष के या उचित प्रक्रिया के मुझे दंडित किया….।’’
‘काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स’ (सीएआईआर) ने वेमुरी को समारोह में शामिल होने से प्रतिबंधित करने के विश्वविद्यालय के फैसले की निंदा की है।
सीएआईआर-मेसाचुसेट्स की कार्यकारी निदेशक ताहिरा अमातुल-वदूद ने एक बयान में कहा, ‘‘एमआईटी को अकादमिक स्वतंत्रता और अपने छात्रों की आवाज का सम्मान करना चाहिए, न कि उन लोगों को दंडित करना और डराना चाहिए जो नरसंहार के खिलाफ और फलस्तीन के समर्थन में बोलते हैं।’’