दलित- विमर्श पर जयपाल की पांच कविताएं

दलित- विमर्श पर जयपाल की पांच कविताएं

 

1.

पगड़ी

 

पांच साल बाद

आज फिर नेता जी आ गए हैं

साथ में एक कलफदार पगड़ी लाएं हैं

जो सारे गांव के सामने तुम्हें पहनाई जाएगी

चुनावों के बाद

सारे गांव के सामने उछाली जाएगी !

2.

फूलों का टोकरा

 

ठीक चुनाव से पहले

नेता जी आएं हैं

फूलों का टोकरा लेकर

ताकि पैरों में बिछे हुए कांटे

तुम्हें दिखाई न दें !

 

 3.

दलितों के घर खाना-1

 

सोच लेना भाई !

 

पहले तो

राम ने भीलनी के घर जाकर बेर खाए थे

बाद में

शंबूक ऋषि का सिर काट दिया था !

 

 4.

दलितों के घर खाना-2

 

जिन्हें आदत है

बहु-बेटियों को चबाकर खाने की

वे कैसे आ गए

तुम्हारे घर दाल-भात खाने !

5.

दलितों के घर खाना-3

 

वे बार बार

तुम्हारे घर खाना खाने आ रहे हैं

इलेक्शन के दिनों में

उन्हें भूख बहुत लगती है !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *