- बोपन्ना-इबडेन की जोड़ी ने इटली की गैर वरीयता प्राप्त जोड़ी पर 7-6(0) 7-5 से जीत दर्ज की
- बोपन्ना को दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब, 2017 में मिश्रित युगल जीते थे
मेलबर्न। रोहन बोपन्ना ने शनिवार को यहां मैथ्यू इबडेन के साथ मिलकर सिमोन बोलेली और आंद्रिया वावासोरी की जोड़ी पर शानदार जीत से आस्ट्रेलियाई ओपन पुरुष युगल खिताब अपने नाम किया। इससे वह ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गये।
दूसरी वरीय बोपन्ना-इबडेन की जोड़ी ने एक घंटे 39 मिनट तक चले फाइनल में इटली की गैर वरीयता प्राप्त जोड़ी पर 7-6(0) 7-5 से जीत दर्ज की।
इससे पहले लिएंडर पेस और महेश भूपति ही भारत के लिए पुरुष टेनिस में मेजर खिताब जीत पाये हैं, जबकि सानिया मिर्जा ने महिला टेनिस में यह उपलब्धि हासिल की है।
बोपन्ना का यह दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब है। उन्होंने 2017 में कनाडा की गैब्रिएला दाब्रोवस्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता था।
बोपन्ना 43 साल की उम्र में पुरुष टेनिस में ग्रैंडस्लैम चैम्पियन बनने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गये। उन्होंने जीन जूलियन रोजर का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 2022 में मार्सेलो अरेवोला के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन पुरुष युगल ट्राफी जीती थी।
बोपन्ना अपना तीसरा पुरुष युगल फाइनल खेल रहे थे। वह अमेरिकी ओपन में दो बार (2013, 2023) में उप विजेता रहे थे।
बोपन्ना ने कहा, ‘‘दो साल पहले मैंने एक वीडियो संदेश में कहा था कि मैं संन्यास लेने जा रहा हूं क्योंकि मैं मैच नहीं जीत रहा था। मैंने पांच महीने तक एक भी मैच नहीं जीता था। मैंने सोचा कि मेरे सफर का अंत हो गया है लेकिन मेरी अंदर की भूख और दृढ़ संकल्प ने मुझे जारी रखा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे वास्तव में काफी चीजें बदल गयीं और मुझे एक शानदार जोड़ीदार मिला जिससे मैं यह उपलब्धि हासिल कर पाया। ’’
बोपन्ना सोमवार को जारी होने वाली एटीपी रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी बन जायेंगे। 43 की उम्र में वह शीर्ष रैंकिंग पर पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन जायेंगे।
बोपन्ना ने अपनी सफलता के लिए अपने आस्ट्रेलियाई जोड़ीदार इबडेन और अमेरिकी कोच स्कॉट डेविडोफ के योगदान का धन्यवाद करते हुए कहा, ‘‘अगर मेरे साथ यह शानदार आस्ट्रेलियाई जोड़ीदार नहीं होता तो यह संभव नहीं हो पाता। मैटी तुम्हें धन्यवाद। पिछला साल शानदार रहा और मेरे लिए मेरा पहला पुरुष ग्रैंडस्लैम पुरुष युगल खिताब जीतना विशेष है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्कॉट एक दशक से मेरे शानदार कोच रहे हैं। यह मुश्किल यात्रा थी और इस जीत के आप भी उतने ही हकदार हूं जितना मैं हूं। ’’
बोपन्ना ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘मेरे सास ससुर भी यहां पर हैं। पिछली बार जब वे मेरा मैच देखने आये थे तो मैंने अपना पहला मिश्रित युगल खिताब जीता था। पता नहीं वे अकसर मेरे मैच देखने क्यों नहीं आते हैं। ’’
इबडेन ने भी भारतीय खिलाड़ी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘इस खिलाड़ी के लिए उम्र वास्तव में कोई संख्या ही नहीं है। वह चैम्पियन है, वह योद्धा है। मैं हमेशा तुम्हारा और तुम्हारी शानदार टीम का शुक्रगुजार रहूंगा। ’’
रॉड लीवर अरीना में यह इतना कड़ा मुकाबला था कि इसमें बस एक बार सर्विस ब्रेक हुई जब वावासोरी ने दूसरे सेट के 11वें गेम में अपनी सर्विस गिराई। इसमें ज्यादा ब्रेक प्वाइंट भी नहीं थे।
दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को मुकाबले के शुरू में लगातार गेम में ब्रेक प्वाइंट मिले। लेकिन इटली के खिलाड़ियों ने दोनों को बचा लिया।
दूसरे गेम में बोलेली की सर्विस पर वावासोरी ने 30-30 पर वॉली लगायी लेकिन बोपन्ना ने लंबा रिटर्न लगा दिया।
चौथे गेम में इटली के खिलाड़ी फिर एक ब्रेक प्वाइंट से पिछड़ गये जब 30-30 पर बोपन्ना का रिटर्न शॉट ‘नेट कोर्ड’ से उछलकर नीचे गिर गया जिससे दूसरी वरीय जोड़ी को किस्मत के सहारे अंक मिल गया। लेकिन वावासोरी ने अच्छी सर्विस से इस प्वाइंट को भी बचा लिया।
बोलेली 4-5 पर सर्विस करते हुए ‘30-ऑल’ पर दबाव में दिख रहे थे। लेकिन उन्होंने ताकतवर क्रॉस कोर्ट फोरहैंड शॉट मारा जो बोपन्ना की पहुंच से दूर निकल गया और फिर स्कोर 5-5 से बराबर हो गया।
11वें गेम में इबडेन पर दबाव बन गया जिसमें उन्हें ब्रेकप्वाइंट का सामना करना पड़ा लेकिन ड्यूस प्वाइंट खेलने के बाद आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने ऐस लगाकर यह गेम खत्म किया।
फिर टाई ब्रेकर में बोलेली की सर्विस दो बार टूटी और बोपन्ना-इबडेन की जोड़ी ने अपनी सर्विस पर एक भी अंक गंवाये बिना 5-0 से बढ़त बना ली।
वावासोरी छह सेट प्वाइंट पर अपनी सर्विस गंवा बैठे। उन्होंने पहली को अंक में बदला लेकिन इबडेन ने लाइन के नीचे फोरहैंड शॉट से जीत हासिल की।
बोलेली ने 2015 में फैबियो फोगनिनी के साथ मिलकर आस्ट्रेलयाई ओपन पुरुष युगल खिताब जीता था।