पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, बीबीएमबी के बांधों पर सीआईएसएफ की तैनाती की सहमति वापस ली

पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, बीबीएमबी के बांधों पर सीआईएसएफ की तैनाती की सहमति वापस ली

मान मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कई और फैसले, आगामी विस सत्र में प्रस्ताव लाने का भी  निर्णय

चंडीगढ़। पंजाब से एक बड़ी खबर आ रही है। भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के बांधों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती के लिए दी गई सहमति को सोमवार को वापस ले लिया। इसके साथ ही, बांधों पर केंद्रीय बल की तैनाती के खिलाफ आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की यहां बैठक हुई। मंत्रिमंडल ने लुधियाना के किला रायपुर खेल आयोजन में बैलगाड़ी दौड़ को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ करने के लिए एक विधेयक लाने को भी मंजूरी दे दी। 2021 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में बीबीएमबी के बांधों पर सीआईएसएफ की तैनाती की सहमति दी गई थी।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 21 अक्टूबर 2021 को चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार द्वारा बीबीएमबी की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की तैनाती के संबंध में केंद्र को दी गई सहमति वापस ले ली है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस एक समर्थ बल है और वह बांधों पर सुरक्षा प्रदान करना जारी रखेगी।

मई में, बांध से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा में गतिरोध के बीच केंद्र ने पंजाब में नांगल बांध को आतंकवाद-रोधी सुरक्षा प्रदान करने के लिए 296 सशस्त्र सीआईएसएफ कर्मियों की एक टुकड़ी को मंजूरी दी थी। बाद में, मुख्यमंत्री मान ने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में केंद्र द्वारा सीआईएसएफ तैनात करने के कदम का विरोध किया था।

मंत्रिमंडल के एक अन्य फैसले के बारे में चीमा ने कहा कि लुधियाना के किला रायपुर में बैलगाड़ी दौड़ को फिर से शुरू करने की लोगों की मांग थी। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई से शुरू होने वाले दो-दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र में इस संबंध में कानून लाया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने दो निजी विश्वविद्यालयों- मोहाली में सीजीसी विश्वविद्यालय और होशियारपुर में ‘रयात एंड बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी’ को भी मंजूरी दी।

 

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