ओमप्रकाश तिवारी की कविता – बहुत खतरनाक

बहुत खतरनाक

ओमप्रकाश तिवारी

जानते हो पाश

सपने का मर जाना 

उतना खतरनाक नहीं होता।

खतरनाक होता है

खतरनाक सपने देखना

उसे पूरा करने के लिए

उग्र हो जाना

हिंसा से भर जाना।

अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना

तर्कहीन होकर विचारशून्य हो जाना

अपनी सुविधानुसार 

कट पेस्ट से तथ्य गढ़ना

और साजिश रचना

असहमति को 

अपराध घोषित करना।

कुछ लोगों का 

अदालत बन जाना

बहुत खतरनाक होता है।

उन्मादी भीड़ का

 हिस्सा बन जाना

मानवता और इंसानियत को

धर्म, जाति और समुदाय की

 सीमाओं में बाधना

शोषण और अन्याय को

बिना प्रतिकार सहन कर जाना

बहुत खतरनाक होता है।