वे ढूंढ रहे हैं देवताओं को
महलों मंदिरों और तहखानों में,
देवता तो मिलेंगे खेतों दुकानों
कारखानों और खलिहानों में।
कभी ना मिलेंगे कामचोरों में
ना मिलेंगे जालिम मक्कारों में,
गौर से देखो देवता तो मिलेंगे
सारे मेहनतकश इंसानों में।
ना मिलेंगे अन्यायी जमीदारों में
ना मिलेंगे निर्मम धनवानों में,
मैं सच कहता हूं देवता तो मिलेंगे
असली मजदूर और किसानों में।
ना मिलेंगे मुफ्त खोर धर्मांधों में
ना मिलेंगे कोरे अंधविश्वासों में,
देखिए तो देवता मिलेंगे सच में
दुनिया को संवारते हुए इंसानों में।
क्या कभी कोई देवता मिला है
हिंसा व नफरत के अभियानों में,
मैं कहता हूं सच में देवता तो मिलेंगे
भाईचारे की प्यार भरी मुस्कानों में।