नयी दिल्ली। सरकार ने वीरवार को कहा कि ओपन सोर्स मॉडल डीपसीक को जल्द ही भारतीय सर्वर पर लाया जाएगा, ताकि चीनी कृत्रिम मेधा (एआई) मंच पर डेटा सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर किया जा सके।
चीनी कंपनी डीपसीक ने तब सुर्खियां बटोरीं, जब उसके एआई मॉडल आर ने चैट-जीपीटी को पछाड़कर एप्पल के ऐपस्टोर पर शीर्ष रैंक वाला मुफ्त ऐप बना लिया, जिसने अबतक अमेरिकी कंपनियों, विशेष रूप से सिलिकॉन वैली की अग्रणी ओपन-एआई के साथ केंद्रित एआई दबदबे को चुनौती दी।
एआई चिप निर्माता और वॉल स्ट्रीट की प्रमुख कंपनी एनवीडिया का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 590 अरब डॉलर घट गया, जो इतिहास में किसी भी कंपनी के लिए एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट थी।
हालांकि, आलोचकों ने डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में चिंता जताई है, क्योंकि डीपसीक चीन में स्थित है।
वीरवार को, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रत्येक ऐप या प्रणाली जिसे सुरक्षा मापदंडों पर परीक्षण करने की आवश्यकता है, का परीक्षण किया जाएगा और निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि डीपसीक एक ओपन-सोर्स मॉडल है, और हम बहुत जल्द ही भारतीय सर्वर पर डीपसीक को लाने जा रहे हैं, जिस तरह से हम भारतीय सर्वर पर लामा (मेटा-एआई द्वारा विकसित बड़े भाषा मॉडल / जनरेटिव एआई मॉडल) को लाए हैं।”
वैष्णव ने कहा, “जो कुछ भी ओपन सोर्स है उसे हमारे सर्वर पर लिया और होस्ट किया जा सकता है ताकि डेटा गोपनीयता मापदंडों को हल किया जा सके, और हम जल्द ही ऐसा करने जा रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि पहले ही टीमें सभी पहलुओं पर काम कर चुकी हैं – जैसे कि कितने सर्वर की आवश्यकता होगी, कितनी क्षमता की आवश्यकता होगी, आदि।