पंचायत व निगम चुनाव में विश्वविद्यालयों और सरकारी उपक्रमों के कर्मचारी करेंगे ड्यूटी

  • विधानसभा में पंजाब राज्य चुनाव आयोग (संशोधन) विधेयक 2024 को मंजूरी

चंडीगढ़। पंजाब में अब म्य‌ुनिसिपल और पंचायत चुनावों में सरकारी विश्वविद्यालयों, सरकारी उपक्रमों और जिला स्तर पर केंद्र या राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारी ड्यूटी पर लगाए जाएंगे। मंगलवार को पंजाब विधानसभा ने बजट सत्र के अंतिम दिन, पंजाब राज्य चुनाव आयोग (संशोधन) विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी।

गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब सरकार ने स्कूली अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाने का फैसला लिया था। हालांकि मौजूदा संशोधन में इस संबंधी कोई उल्लेख नहीं है लेकिन उक्त संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद पंचायत व निगम चुनाव ड्यूटी का जिम्मा विश्वविद्यालयों व सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों पर आ गया है।

विधानसभा में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सर्वसम्मिति से पारित कर दिया गया।

संशोधन विधेयक के उद्देश्य से हवाला देते हुए कहा गया है कि- पंजाब राज्य चुनाव आयोग (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1991 की धारा 159 के प्रावधान के अनुरूप पंजाब राज्य चुनाव आयोग अधिनियम, 1994 की धारा 129 में संशोधन करना है।
इस धारा के संशोधन से, राज्य में म्युनिसिपल/पंचायत चुनाव में ड्यूटी के लिए प्रत्येक स्थानीय प्राधिकरण से स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा।

इस संशोधन के तहत अब जिला चुनाव अधिकारी अथवा समकक्ष अधिकारी म्युनिसिपल/पंचायत चुनाव में ड्यूटी के लिए केंद्रीय, प्रांतीय या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित प्रत्येक यूनिवर्सिटीज, सरकारी कंपनियां जोकि कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 2 के क्लाज (45) के तहत परिभाषित हैं और ऐसे अन्य संस्थान जिन्हें जिला स्तर पर केंद्र या राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाता है, के स्टाफ को म्य‌ुनिसिपल और पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर लगाया जा सकेगा।