क्वैश फार क्वैरी मामले में संसद सदस्यता गवां चुकी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की महुआ मोइत्रा के आवासों पर सीबीआई छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। सीबीआई की टीम कोलकाता तथा अन्य स्थानों पर भी छापे मार रही है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी। उन्होंने टीएमसी सांसद और उद्योगपति के बीच नकद और उपहारों के आदान प्रदान का भी दावा किया था।
उन्होंने बताया कि संसद में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद और व्यवसायी के बीच पैसों और उपहार का आदान प्रदान होता है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति गठित करने और उन्हें सदन से ‘तत्काल निलंबित’ करने की मांग की थी।
महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों का पलटवार करते हुए उन पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया था।
निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा जारी कर महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि उन्होंने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।
इसके बाद एथिक्स कमेटी ने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की और संसद में करीब आधे घंटे की चर्चा के बाद संसद सदस्यता रद्द कर दी गई।