कथाकर एस. आर. हरनोट और कहानीकार-गद्यकार जयशंकर को आधार सम्मान देने की घोषणा

कथाकर एस. आर. हरनोट और कहानीकार-गद्यकार जयशंकर को आधार सम्मान देने की घोषणा

वर्ष 2024 और 2025 के आधार साहित्य सम्मान की घोषणा

पंचकूला। भारत के मूर्धन्य रचनाकारों को उनके उल्लेखनीय साहित्यिक अवदान के लिए सम्मानित करने की अपनी परंपरा का निर्वाह करते हुए आधार प्रकाशन की ओर से दो वर्षों के आधार सम्मानों की घोषणा एकसाथ की गई है। हर वर्ष की तरह इस बार भी आधार प्रकाशन 20 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस पर दो बड़े रचनाकारों को सम्मानित करने जा रहा है। वर्ष 2024 के ‘आधार सम्मान’ के लिए हिंदी के बहुचर्चित कथाकार एस आर हरनोट को चुना गया है। जबकि वर्ष 2025 के ‘आधार सम्मान’ के लिए जिस रचनाकार को सम्मानित करने की घोषणा की गई है वह हैं, सुप्रसिद्ध कहानीकार एवं गद्यकार जयशंकर।

यह बात गौरतलब है कि एस आर हरनोट का संबंध हिमाचल प्रदेश से है, जबकि जयशंकर महाराष्ट्र से संबंधित ऐसे रचनाकार हैं, जो मूलतः दक्षिण भारतीय हैं। निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो देवेंद्र चौबे, आलोचक एवं कथाकार, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली; विनोद शाही, प्रख्यात आलोचक एवं चिंतक; और किरण सिंह, सुप्रसिद्ध कथाकार, लखनऊ शामिल हैं।

आधार प्रकाशन भारत का प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान है जो आपने सहयोगी सतलुज प्रकाशन के साथ मिलकर हिंदी का ही प्रतिष्ठित संस्थान नहीं, साथ-साथ पंजाबी और अंग्रेजी की किताबों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर रहा है। सम्मानित होने वाले रचनाकारों में से एस आर हरनोट की ख्याति भारत से लेकर विदेश तक दिखाई देती है। उनकी अनेक कहानियों के अनुवाद अनेक अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त, अंग्रेजी में भी हुए हैं। उनकी बहुत सी कहानियां विविध पाठ्यक्रमों का हिस्सा भी हो गई है। जयशंकर -अपनी अनूठी भाषा संरचना के कारण एक व्यापक पाठक वर्ग की चहेते रचनाकार हैं। अनेक लोग उनकी कृतियों में विश्व के क्लासिक साहित्य की झलक तक देखते हैं। उल्लेखनीय है कि इस सम्मान में रचनाकारों को पच्चीस हज़ार, ₹25000/- रुपए की सम्मान राशि के अतिरिक्त प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जाते हैं। आधार प्रकाशन की ओर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका पल प्रतिपल के विशेष अंक भी इन सम्मानित रचनाकारों पर केंद्रित किए जाते हैं।

बातचीत में प्रकाशन संस्थान और पत्रिका के संपादक देश निर्मोही ने बताया कि उक्त सम्मान समारोह 20 दिसंबर 2025 को पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा जिसमें भारत के बहुत से प्रतिष्ठित रचनाकारों और कवियों के शामिल होने की संभावना है। यह भी बताया गया कि सम्मान समारोह के साथ-साथ उसी दिन कार्यक्रम के बाद एक द्विभाषी कवि सम्मेलन भी आयोजन किया जायेगा। इस तरह, यह सम्मान समारोह एक तरह से एक साहित्यिक उत्सव के रूप में आयोजित होने जा रहा है।