मिलेनियल, जेन-जी पीढ़ी के युवाओं के लिए पर्यावरण सबसे बड़ी चिंता

मिलेनियल, जेन-जी पीढ़ी के युवाओं के लिए पर्यावरण सबसे बड़ी चिंता

डेलॉयट ग्लोबल ने यह सर्वेक्षण मिलेनियल और जेन-ज़ी पीढ़ी के युवाओं के बीच कराया

नयी दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण 1981 से लेकर 2012 के बीच जन्मे जेन-जी एवं मिलेनियल युवाओं के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण है और यह चिंता उनके करियर एवं उपभोग संबंधी पसंद को भी प्रभावित कर रही है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

डेलॉयट ग्लोबल ने यह सर्वेक्षण 1981 से लेकर 1996 के बीच जन्मी मिलेनियल पीढ़ी और 1997 से लेकर 2012 के बीच जन्मी जेन-ज़ी पीढ़ी के युवाओं के बीच कराया है।

इस सर्वेक्षण के मुताबिक, 65 प्रतिशत जेन-जी और 63 प्रतिशत मिलेनियल युवा पर्यावरण को लेकर चिंतित हैं और टिकाऊ उत्पादों एवं सेवाओं के लिए अधिक कीमत चुकाने को भी तैयार हैं।

रिपोर्ट कहती है कि 23 प्रतिशत जेन-जी और 22 प्रतिशत मिलेनियल युवाओं ने किसी कंपनी की पर्यावरणीय नीतियों की जानकारी लेने के बाद ही नौकरी की पेशकश स्वीकार की।

इसके अलावा, 17 प्रतिशत जेन-जी और 19 प्रतिशत मिलेनियल युवा पहले ही इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहन खरीद चुके हैं जबकि 45 प्रतिशत युवा भविष्य में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।

टिकाऊ जीवनशैली की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 26 प्रतिशत जेन-जी और 27 प्रतिशत मिलेनियल युवाओं ने अपने घरों में सौर पैनल जैसी पर्यावरण-अनुकूल तकनीकें लगाई हैं।

केईपी इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक मालू कांबले ने कहा कि भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता से लैस नई पीढ़ी स्वच्छ प्रौद्योगिकी, संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल वाली चक्रीय अर्थव्यवस्था और कॉरपोरेट जवाबदेही को नई दिशा दे रही है। इस रुझान से कंपनियां भी पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की पेशकश के लिए बाध्य हो रहे हैं।

यह सर्वेक्षण 44 देशों के कुल 23,482 युवाओं के विचारों पर आधारित है।