साहित्य अकादमी के सचिव को निलंबित किया जाए: जलेस

साहित्य अकादमी के सचिव को निलंबित किया जाए: जलेस

जनवादी लेखक संघ के ग्यारहवें राष्ट्रीय सम्मलेन में प्रस्ताव पारित

निलंबन न होने की स्थिति में लेखकों से अकादमी के कार्यक्रमों के बहिष्कार की अपील

जनवादी लेखक संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन 19 से 21 सितंबर तक बांदा में आयोजित किया गया। इस मौके पर सम्मेलन में केंद्रीय साहित्य अकादमी के सचिव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर निलंबित करने की मांग की गई। जलेस ने जो प्रस्ताव पारित किया है उसे यहां दिया जा रहा है –

यह शर्मनाक है कि हमारे देश की केंद्रीय साहित्यिक संस्था, साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव यौन उत्पीड़न के आरोपी हैं और एक मामले में अदालत का फ़ैसला सर्वाइवर के पक्ष में आने के बावजूद लगातार पद पर बने हुए हैं। एक महिला सहकर्मी ने 2018 में उनके ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की। उन्हें ‘काम में खराब प्रदर्शन’ के नाम पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। अब दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 अगस्त 2025 के फ़ैसले में इस बर्खास्तगी को ‘बदले की कार्रवाई’ बताते हुए अवैध ठहराया है और महिला कर्मचारी को दुबारा बहाल किया है। कोर्ट ने लोकल कंप्लेंट्स कमेटी में उत्पीड़न के मामले की सुनवाई की इजाज़त भी दी है जबकि अकादमी की माँग थी कि इसकी सुनवाई इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी में होनी चाहिए।

अब जबकि अदालत के इन फैसलों से बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि अकादमी सचिव पर यौन उत्पीड़न का मामला अभी भले ही जाँच की प्रक्रिया में हो और उसके सम्बंध में कोई अंतिम निर्णय सामने न आया हो, उस पर ‘बदले की कार्रवाई’ का आरोप सिद्ध हो चुका है। अदालत के इस फ़ैसले के बाद उनका पद पर बने रहना हर दृष्टि से अनुचित ही नहीं, शर्मनाक है। जनवादी लेखक संघ का यह ग्यारहवां राष्ट्रीय सम्मेलन सचिव पद से के. श्रीनिवास राव के तत्काल प्रभाव से निलंबन की माँग करता है और लेखकों से अपील करता है कि उनका निलंबन न होने की सूरत में अकादमी के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार करें।