जब तक एनपीएस को ओपीएस में नहीं बदला जाता, बहिष्कार जारी रहेगा 

एआईएऩपीएसईएफ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा मनजीत सिंह पटेल ने दी चेतावनी

बताया- यूपीएस में अब तक केवल 1500 रजिस्ट्रेशन हुए

नई दिल्ली। पेंशन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की। बैठक के बारे में आल इंडिया नेशनल मिशन फार ओल्ड पेंशन स्कीम (एआईएऩपीएसईएफ) भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा मनजीत सिंह पटेल ने बताया कि एनपीएस रिव्यू बैठक से जाहिर है कि पेंशन सेक्रेटरी साहब को पता चल गया होगा कि यूपीएस में अब तक केवल 1500 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इसका मतलब है कि जो लोग एनपीएस में रिटायर हो चुके हैं, उनकी यूपीएस में जाना मजबूरी है। यह बात हमने 24 फरवरी को ही पेंशन सेक्रेटरी साहब को स्पष्ट भी कर दी थी। जितनी मेहनत सरकार को खुश करने के लए यूपीएस बनाने में की गई है अगर उसकी आधी मंशा भी कर्मचारियों की भलाई में दिखाई जाती तो एनपीएस को ही ओपीएस में बदला जा सकता था। और जब तक ऐसा नहीं होगा, यूपीएस एनपीएस का बहिष्कार जारी रहेगा।

उधर, बैठक के संबंध में पीआईबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीडब्ल्यू) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों सहित केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में एनपीएस से संबंधित निरीक्षण तंत्र की स्थापना की स्थिति के बारे में तीसरी समीक्षा बैठक 16 अप्रैल को सचिव पेंशन वी श्रीनिवास की अध्यक्षता में की गई। बैठक में वित्तीय सलाहकार और 11 मंत्रालयों/ विभागों के नोडल अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा मेसर्स प्रोटीन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सचिव ने एनपीएस में योगदान के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन से की गई कौटती की समीक्षा की और एनपीएस के वित्तीय ढांचे में केंद्र सरकार के मान्य योगदान को समय पर जमा करने तथा केंद्र सरकार के कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण पर जोर दिया । इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों से एनपीएस से संबंधित निरीक्षण तंत्र का गठन करने और समय पर पीआरएएऩ बनाने तथा मासिक अंशदान के प्रेषण के साथ अपनी छमही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया। बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने छमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए https:/pensionersportal.gov.in/NPS यूआरएस से युक्त एक आनलाइन पोर्टल विकसित किया है।

सचिव ने बताया कि एनपीएस के कार्यान्वयन की निरंतर समीक्षा से एनपीएस के ढांचे के तहत समय पर धन प्रेषण की प्रक्रिया बेहतर होगी और एनपीएस के तहत आने नावे कर्मचारियों की शिकायतें भी कम होंगी।

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  1. 2004 के बाद सरकारी नौकरी स्वीकार करने वाले कर्मचारियों को एनपीएस प्रदान करने की परिवर्तित सेवा शर्त थी। २० वर्ष की नौकरी और एनपीएस में अंशदान के बाद ये सरकारी नौकर पुरानी पेंशन या नव घोषित यूपीएस की मांग किस मुंह से करते हैं? मत करते सरकारी नौकरी। दे देते इस्तीफा। उनकी जगह लेने केलिए देश में बेरोजगारों की भीड़ सदैव रही है। प्रमुख सेवा शर्त में बदलाव की मांग और उसके लिए धरना, प्रदर्शन, हड़ताल व आन्दोलन में भाग लेने का अभिप्राय यह हुआ कि सेवा अनुबंध के प्रावधानों का भारतीय अनुबंध अधिनियम तथा सिविल सेवा नियमावली की व्यवस्था का उल्लंघन कर सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालना चाहते हैं। ऐसे नौकरों को नौकरी से निष्कासित कर एनपीएस के अंतर्गत जो राशि जमा हुई है, वे पकड़ा कर बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए और उनकी जगह न‌ए युवा कर्मचारी भर्ती करने चाहिए। किसी भी प्रस्तावित पेंशन योजना को स्वीकार कर सरकारी नौकरी करने हेतु पूरे देश में बेरोजगारों युवा तैयार बैठे हैं।

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