एक जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे तीन नये आपराधिक कानून

  • ‘हिंट एंड रन’ से जुड़े मामलों से संबंधित प्रावधान तत्काल प्रभावी नहीं होंगे।
  • केंद्र का दावा- इन तीन नए कानूनों से पूरी तरह बदल जाएगी आपराधिक न्याय प्रणाली

नई दिल्ली। देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के दावे के साथ अधिसूचित किए गए तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – एक जुलाई से लागू होंगे।

हालांकि, ‘हिंट एंड रन’ से जुड़े मामलों से संबंधित प्रावधान तत्काल प्रभावी नहीं होंगे।

तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन कानूनों को अपनी सहमति दे दी थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी तीन अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान एक जुलाई से लागू होंगे।ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।जैसा कि दावा किया गया है तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।

वहीं, सरकार ने ट्रक चालकों से किए गए वादे के अनुरूप वाहन चालक द्वारा हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधान को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है।

ट्रक चालकों ने इन प्रावधानों का विरोध किया था।गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एक जुलाई, 2024 को उस तारीख के रूप में निर्दिष्ट करती है, जिस दिन धारा 106 की उपधारा (2) के प्रावधान को छोड़कर उपरोक्त संहिता के प्रावधान लागू होंगे।कानून के प्रावधान सामने आने के बाद ट्रक चालकों ने धारा 106 (2) के प्रावधान का विरोध किया था।

इसमें उन चालकों को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जो तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनते हैं और घटना के बारे में पुलिस को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं।