कविता
कैसे बताएगी एक स्त्री
विहाग वैभव
कैसे बताएगी एक स्त्री
उसके साथ क्या हुआ
कैसे कैसे, कहाँ-कहाँ, किस तरह?
मी लार्ड!
हमें कुछ और शब्द चाहिए
कोई और भाषा
एक और लिपि चाहिए
जिसका व्याकरण मर्दों ने न गढ़ा हो
जहां सिसकियां भी अपील हों
चीखें हो मुकम्मल बयान
अभिव्यक्तियों के अपहृत अर्थातों से
नहीं समझी जा सकेंगी
मनुष्य – योनि के होने की त्रासदियां
मी लार्ड!
हमें कोई और अदालत चाहिए
कुछ और शब्द
कोई और लिपि
कोई और भाषा।
वैभव विहाग के फेसबुक वॉल से साभार
