वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार
काराकस: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। शुक्रवार को उनके नाम का ऐलान किया गया है। उन्हें वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए ये पुरस्कार मिला है। उनके लिए ये पुरस्कार इसलिए भी खास है क्योंकि अमोरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दौड़ में थे। हालांकि कमेटी ने ट्रंप के बजाय उनको इस पुरस्कार के लिए चुना। मारिया लंबे समय से लोकतंत्र की योद्धा के तौर पर लड़ रही हैं। उनको वेनेजुएला की आयरन लेडी भी कहा जाता है।
वेनेजुएला में लोकतंत्र आंदोलन की नेता के रूप में मारिया कोरिना मचाडो हालिया समय में लैटिन अमेरिका में नागरिक साहस के असाधारण उदाहरणों में से हैं। मचाडो उस राजनीतिक विपक्ष में एक प्रमुख और एकजुट करने वाली हस्ती रही हैं, जो कभी गहराई से विभाजित था। एक ऐसा विपक्ष जिसने स्वतंत्र चुनाव और प्रतिनिधि सरकार की मांग में साझा आधार पाया।
58 साल की मारिया कोरिना मचाड इंजीनियर और वेनेजुएला में विपक्ष की नेता हैं। वह 2011 से 2014 तक वेनेजुएला की राष्ट्रीय सभा की निर्वाचित सदस्य के रूप में काम कर चुकी हैं। मचाडो 2002 में वोट-मॉनिटरिंग समूह सुमाते के संस्थापक के रूप में राजनीति में आई थीं। एलेजांद्रो प्लाज के साथ वह राजनीतिक पार्टी वेंटे वेनेजुएला की राष्ट्रीय समन्वयक हैं।
मारिया को 2018 में बीबीसी की 100 महिलाओं में में सूचीबद्ध किया गया था। इसी साल, 2025 में टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया। मचाडो को वेनेजुएला के विपक्ष का एक प्रमुख शख्सियत माना जाता है। वेनेजुएला में निकोलस मादुरो सरकार ने मचाडो को वेनेजुएला छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है।