- राज्यसभा ने बुधवार को ही दे दी थी मंजूरी
- राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बनेंगे कानून
- गृह मंत्री शाह बोले- तारीख पे तारीख का जमाना जाएगा
नई दिल्ली। बुधवार को लोकसभा के बाद वीरवार को राज्यसभा में भी तीनों क्रिमिनल लॉ बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल गुरुवार को पास हो गए। अब इन्हें मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही ये बिल कानून बन जाएंगे। बिल पास होते ही राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन बिलों पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा कि जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा। किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने इसका उद्देश्य है।
जो कहते हैं कि नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता, इसका मतलब स्व शासन नहीं है। इसका मतलब स्व धर्म, भाषा, संस्कृति को आगे बढ़ाना है। गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी। आप 60 साल सत्ता में बैठे रहे, लेकिन स्व को लगाने का काम नहीं किया, ये काम मोदी जी ने किया।
ये बिल पास हुए
राज्यसभा में गुरुवार को टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया। इस बिल को लोकसभा में 20 दिसंबर को पास किया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
तीन क्रिमिनल ला में ये हुए बदलाव
1. 1860में बने पीनल कोड की जगह अब भारतीय न्याय संहिता 2023
2. 1898 में बने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
3. 1872 में बने इंडियन एविडेंस कोड की जगह अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023
IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी
कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। आईपीसी में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।
इसी तरह सीआरपीसी में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
फैसलों में तेजी आएगी। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।
इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।
भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए
भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
ऑर्गनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
आईपीसी में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है
33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल
गृह मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा। अब केंद्र सरकार ने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है, क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।
आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा
गृह मंत्री ने कहा कि देश में कई मामले लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा।
लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
इसके साथ ही वीरवार को लोकसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 22 दिसंबर तक का वक्त तय किया गया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन की कार्यवाही 61 घंटे 50 मिनट चली। वर्क प्रोडक्टिविटी 74% रही। चर्चा के बाद 18 सरकारी विधेयक पास हुए। शून्यकाल के दौरान 182 मामले उठाए गए।