पेयजल स्रोत के आसपास इंडस्ट्री या सीवरेज का दूषित पानी डालने वालों की खैर नहीं

  • मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश- संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें
  • ड्रेन नंबर 6 व 8 के रखरखाव, सफाई एवं क्षमता बांध बनाने के लिए 45 करोड़ रुपए की योजना मंजूर

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां कहीं भी पेयजल स्रोत के आसपास इंडस्ट्री या सीवरेज का दूषित पानी डाला जा रहा है, वहां संबंधित व्यक्ति या संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। मुख्य सचिव आज यहां हरियाणा पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि सोनीपत कुण्डली के समानान्तर ड्रेन नम्बर 6 व 8 के रखरखाव, सफाई एवं क्षमता बांध बनाने के लिए 45 करोड़ रुपए की लागत से योजना बनाई गई है। उन्होंने पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इन ड्रेनों में चल रहे गहरे रंग के पानी की जांच करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, इन पर चल रहे कार्य को मार्च तक अवश्य पूरा कर लिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सोनीपत के राई व कुण्डली में 10 एमएलडी, ककरोई में 25 एमएलडी तथा राठधना रोड पर 30 एमएलडी क्षमता का एसटीपी लगाने का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार, बड़ी में 16 एमएलडी व गन्नौर में 7 एमएलडी क्षमता का एसटीपी लगाने तथा पानी के पुनः उपयोग के लिए लाइन डालने का कार्य भी जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने पानीपत, समालखा, करनाल, तरावड़ी व नीलोखेड़ी क्षेत्रों में भी ड्रेन के पानी की जांच करने और इस समस्या के समाधान के लिए जल्द ही बैठक बुलाने के निर्देश दिए।

बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द मोहन शरण, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, एचएसआईआईडीसी के एमडी डा. यश गर्ग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के ईआईसी रवि खन्ना, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण अभियंता जे पी सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।