रमेश जोशी की ग़ज़ल
नियम कायदे भूल भतीजे
झूठे सभी उसूल भतीजे
जो वे कह दें वही सत्य है
करना पड़े कबूल भतीजे
वादे सपनों औ’ जुमलों के
झूले जी भर झूल भतीजे
मूँड मूँडकर मूत पिलाया
इसको मत दे तूल भतीजे
देख पुलिस वाले भी तुझ पर
बरसाते हैं फूल भतीजे
‘गर काँवड़ ही ढोनी है तो
क्यों जाना स्कूल भतीजे।
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लेखक वैश्विक पत्रिका “विश्वा” के संपादक हैं।