पंजाब मंत्रिपरिषद ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में नियुक्ति के लिए अलग कैडर बनाने को मंजूरी दी
चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिपरिषद ने शनिवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अलग कैडर बनाने को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मंत्रिपरिषद ने कर्मचारियों का एक अलग कैडर बनाने का निर्णय लिया है, जिनकी भर्ती केवल भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में सेवा देने के लिए की जाएगी।
चीमा ने कहा, “वर्तमान में, हमारे कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर बीबीएमबी में तैनात हैं। लेकिन कभी-कभी उनकी नियुक्तियां रद्द हो जाती हैं, जिसके कारण रिक्त पदों को बीबीएमबी को अन्य राज्यों से भरना पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “अब बीबीएमबी के लिए एक अलग कैडर होगा और कर्मचारियों की भर्ती केवल बीबीएमबी में सेवा देने के लिए ही की जाएगी।”
बाद में, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह देखा गया कि बीबीएमबी में पंजाब कोटे के बड़ी संख्या में पद रिक्त रह गए, जिन्हें बोर्ड ने अपने कैडर से भर दिया। बयान में कहा गया कि मंत्रिपरिषद ने बीबीएमपी के विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए 2,458 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है।
यह निर्णय आम आदमी आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार और बीबीएमबी अधिकारियों के बीच जल बंटवारे और भाखड़ा तथा नांगल बांधों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों की तैनाती जैसे मुद्दों पर टकराव की पृष्ठभूमि में आया है।
पिछले महीने, आप ने आरोप लगाया था कि केंद्र हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता देना चाहता है, और दावा किया था कि यह कदम “पंजाब के अधिकारों पर सीधा हमला” होगा।
मंत्रिपरिषद ने पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) के तहत सूची से हटाई गई भूमि के लिए एक नीति को भी मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य मौजूदा संरचनाओं के नियमितीकरण के लिए एक मानकीकृत और पारदर्शी ढांचा स्थापित करना और इन भूमियों पर नयी कम प्रभाव वाली आवासीय इकाइयों की अनुमति देना है।
