मुनेश त्यागी का गीत- भूल जा सब कुछ, बस योगा कर 

भूल जा सब कुछ, बस योगा कर

मुनेश त्यागी

 

योग को बताते सब रोगों की दवा

भारत में क्यों हैं रोगों की हवा?

कहते हैं यह सब कुछ ना पूछ

तू योगा कर, बस योगा कर।

 

काम नहीं है योगा कर

दाम नहीं है योगा कर,

भूख लगी है तो लगने दे

चिंता छोड़, तू योगा कर।

 

असमानता की बात ना कर

भ्रष्टाचार की बात ना कर,

लोग कहते हैं तो कहने दे

बस योगा कर, तू योगा कर।

 

बैल बुग्गी और साज नहीं है

खाने को अनाज नहीं है,

खाट नहीं, आराम नहीं है

बस योगा कर, तू योगा कर।

 

रोटी नहीं है, योगा कर

कपड़ा नहीं है, योगा कर

दवाई नहीं है, योगा कर

मरता क्यों है? योगा कर।

 

शोषण बहुत है सुनवाई नहीं

रोग बहुत हैं, दवाई नहीं

जुमलों पर तू ध्यान ना दे

बस योगा कर, तू योगा कर।

 

काम की कोई आस नहीं है

चैन की कोई सांस नहीं है

विकास विनाश पर ध्यान ना दे

बस योगा कर, तू योगा कर।

 

किसान मजदूर की बातें छोड़

अडानी अंबानी से नाता जोड़

काज उन्हीं का, राज उन्हीं का

बस योगा कर, तू योगा कर।

————————

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *