खान मनजीत भावड़िया की कविता – औरतों का सम्मान

 औरतों का सम्मान

खान मनजीत सिंह भावड़िया

 

 

तुम कल थे

आज नहीं हो क्योंकि

इस दुनिया में खलबली मची हुई है

कछ लोग लड़कियों को देख

उनको नोचने की चाहत रखने वाले

मैं आपको बर्दाश्त नहीं कर सकता

तुम आज करो

तो कल आप का नहीं होगा।

तो तुम सिर्फ़ आज हो।

तुम्हारे हाथ में सिर्फ़ “आज” है।

“आज” की कद्र करो।

कल तुम बच्चे थे और सच्चे थे

आज तुम जवान हो

जवानी का घमंड मत कर

लेकिन कल नहीं करोगे

तो तुम्हारी जवानी। सिर्फ़ आज। अपनी जवानी की रक्षा करो

सोचो! ज़िंदगी सिर्फ़ “आज” है।

युवावस्था सिर्फ़ “आज” है।

देखो! इस एक “आज” की ज़िंदगी

और जवानी में हमें खुदा की इबादत और खुदा की खिदमत करनी है।

औरतों को सम्मान देना है

कल के लिए

क्योंकि आज सब खराब है

कल ठीक होगा

सभी इंसान के लिए

सोचो अगर तुम पर बीते

क्या होगा

तुम आज हो

कल नहीं है ‌

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