Blogमनोरंजन/सिनेमाविरासत

पुरानी फिल्में नए यथार्थ को फिर से परिभाषित कर सकती हैं: अनाड़ी और प्यासा का पुनरावलोकन

बात फिल्मों की पुरानी फिल्में नए यथार्थ को फिर से परिभाषित कर सकती हैं: अनाड़ी और प्यासा का पुनरावलोकन हर…

Blogनाटक रंगमंच थियेटर

अमूर्त के मूर्त होने का कला बोध ही सौन्दर्य है!

अमूर्त के मूर्त होने का कला बोध ही सौन्दर्य है!  मंजुल भारद्वाज कला का अहसास ही सौन्दर्य है! दृष्टि,विचार,चेतना का…

Blogमनोरंजन/सिनेमासाक्षात्कार

बोलती फिल्मों के जनक अर्दॅशिर ईरानी का आलम आरा के निर्माण पर इंटरव्यू

भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा के प्रोड्यूसर अर्दॅशिर ईरानी से 1949 में लिया गया इंटरव्यू। इस इंटरव्यू में…

Blogनाटक रंगमंच थियेटर

थिएटर ऑफ़ रेलेवंस – रंगकर्म से सकारात्मक परिवर्तन !

थिएटर ऑफ़ रेलेवंस – रंगकर्म से सकारात्मक परिवर्तन ! -मंजुल भारद्वाज   थिएटर ऑफ़ रेलेवंस रंग दर्शन के अनुसार रंगमंच…

Blogसिनेमा/ शास्त्रीस संगीत/गीत/गीतकार/गायक/ संगीत/ संगीतकार फिल्म

शोस्टाकोविच की सिम्फनी सुनते हुए

फोटोः इंटरनेट शोस्टाकोविच की सिम्फनी सुनते हुए रुचिर जोशी पहले मैं कोलकाता में वेस्टर्न क्लासिकल संगीत के कई ग्रुप्स को…

Blogसिनेमा/ शास्त्रीस संगीत/गीत/गीतकार/गायक/ संगीत/ संगीतकार फिल्म

ओमप्रकाश तिवारी का गीत- चाहत

गीत चाहत ओमप्रकाश तिवारी   अब मन लगता नहीं गुलशन में तेरे  फूल कम कांटे ही आए दामन में मेरे …

Blogनाटक रंगमंच थियेटर

थियेटर ऑफ़ रेलेवंस नाट्य दर्शन ने तोड़ी भ्रांतियां

थियेटर ऑफ़ रेलेवंस नाट्य दर्शन ने तोड़ी भ्रांतियां कला : रूढ़िवाद, पाखंड और भगवान का वरदान  मंजुल भारद्वाज   मनुष्य…