Blogगीत ग़ज़ल साच्ची बात कहण खात्तर जिगरा चहिये सै साच्ची बात कहण खात्तर जिगरा चहिये सै मंगत राम शास्त्री हांसण खात्तर मनवा बेफिकरा चहिये सै। सुंदर होण तईं… Pratibimb Media12 October 2025
Blogसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी पीड़ा और प्रतिरोध का दस्तावेज़ है ‘बंद दरवाज़े’की कविताएः डॉ. अशोक भाटिया पीड़ा और प्रतिरोध का दस्तावेज़ है ‘बंद दरवाज़े’की कविताएः डॉ. अशोक भाटिया कुरुक्षेत्र में जयपाल के कविता संग्रह पर समीक्षा… Pratibimb Media12 October 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत गौहर रज़ा की कविता – झीनी चादर कविता झीनी चादर गौहर रज़ा एक चश्मा एक पतली लाठी एक चरख़ा एक झीनी चादर साये के जैसा धुंधला,… Pratibimb Media12 October 202512 October 2025
Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा लघुकथा ‘सरदार’ : भाषा की अस्मिता पर प्रहार और विचार का उद्घाटन समीक्षा लघुकथा ‘सरदार’ : भाषा की अस्मिता पर प्रहार और विचार का उद्घाटन एस.पी. सिंह डॉ. अशोक भाटिया की लघुकथा… Pratibimb Media11 October 2025
Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा पुरस्कार स्वीकृति रचनाकार का सत्ता अनुकूलन है! पुरस्कार स्वीकृति रचनाकार का सत्ता अनुकूलन है! – मंजुल भारद्वाज किसी भी पुरस्कृत लेखक को पढ़ना सत्ता के षड्यंत्र में… Pratibimb Media11 October 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतपर्यीवरण/जलवायु आज जल,जंगल,ज़मीन बचाना ही सबसे बड़ी देश,मानवता और पृथ्वी सेवा है ! आज जल,जंगल,ज़मीन बचाना ही सबसे बड़ी देश,मानवता और पृथ्वी सेवा है – मंजुल भारद्वाज मनुष्य विशेष कर मध्यमवर्ग संतुलन बनाने… Pratibimb Media10 October 202510 October 2025
पुरस्कार/ सम्मानसमाचारसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी हंगरी के लास्जलो क्रास्जना होरकाई को मिला 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार हंगरी के लास्जलो क्रास्जना होरकाई को मिला 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्टाकहोम। स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को साहित्य… Pratibimb Media10 October 202510 October 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतसमय /समाज मंजुल भारद्वाज की कविता -अंतहीन गंतव्य कविता अंतहीन गंतव्य मंजुल भारद्वाज पहले से खींची हुई लकीर को मिटाकर नहीं उससे बड़ी लकीर खींचकर इतिहास रचो !… Pratibimb Media9 October 20259 October 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतसाक्षात्कारसाहित्य/पुस्तक समीक्षा विमल वर्मा: प्रगतिशील साहित्य के साधक जिनकी प्रतिभा से न्याय नहीं हुआ विमल वर्मा: प्रगतिशील साहित्य के साधक जिनकी प्रतिभा से न्याय नहीं हुआ अरुण कुमार आखिरकार प्रख्यात जनवादी आलोचक, गंभीर संपादक… Pratibimb Media8 October 2025
Blogगीत ग़ज़ल एस.पी. सिंह की ग़ज़लः जिन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा लगता है ग़ज़लः जिन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा लगता है एस.पी. सिंह ज़िन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा… Pratibimb Media7 October 2025