Blogअंतरराष्ट्रीयकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतसाहित्य/पुस्तक समीक्षा

वे इन द वर्ल्ड: 17वीं-20वीं सदी में मुस्लिम महिलाएं कैसे यात्रा करती थीं

रक्षंदा जलील उपनिवेशवाद, लिंग, यात्रा, धर्म, पैसा इस पुस्तक में अप्रत्याशित तरीके से एक साथ आते हैं। इसके अलावा, शिक्षित…

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एड्रियन रिच की कविता ‘पेड़’

एड्रिएन रिच का जन्म 1929 में बाल्टीमोर, मैरीलैंड, यू.एस.ए. में हुआ था। वह लगभग बीस काव्य संग्रहों की लेखिका हैं…

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कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस में एक यात्रा

अजय शुक्ला सवाल है कि बिहार के गरीब आदमी के कष्ट कब मिटेंगे?सरल सा जवाब है, जब वह चाहेगा। मगर…

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मुनेश त्यागी की कविता – देखिए ना सब कुछ खतरे में 

मुनेश त्यागी    जुमले और नारे सब के सब ही तो बता रहे हैं कानून का शासन और पूरा संविधान…

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ओम प्रकाश तिवारी की कहानी – काली कुतिया

प्रतीकात्मक फोटो  ओम प्रकाश तिवारी  देव को शहर से गांव गए तीन-चार दिन हो गए थे। इस बीच उसे काली…

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और पीढ़ियाँ सुनेंगी हमारे कदमों की आवाज…

सामाजिक चेतना जगाने में नाटकों की भूमिका: नोबेल विजेता-दारियो लुइगी एंजेलो फो   गुरबख्श सिंह मोंगा/ सुश्री विजय शर्मा थियेटर…

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मंजुल भारद्वाज की कविता – नाख़ून वाले 

मंजुल भारद्वाज सभी प्राणियों की भांति  मनुष्य भी नाख़ून लिए  पैदा होता है  नाख़ून शस्त्र है  प्रतिरक्षा में दबोचने में …