आम आदमी पार्टी (आप), जो 2010 से 2013 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और स्वच्छ शासन तथा कल्याणकारी कार्यक्रमों के वादों के दम पर भारत की राजनीति में प्रमुखता से उभरी थी, ने दस वर्षों तक दिल्ली पर शासन करने के बाद शनिवार को सत्ता खो दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद राजधानी में सत्ता में लौटी और उसे 48 सीटें मिलीं, जबकि 2020 में उसे 8 सीटें मिली थीं, जबकि आप 70 में से 62 सीटों से घटकर 22 सीटों पर आ गई। कांग्रेस पिछले तीन चुनाव में अपना खाता खोलने में नाकाम साबित हुई है।
जबकि AAP ने मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त सार्वजनिक परिवहन, सामुदायिक क्लीनिक और शिक्षा प्रणाली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के माध्यम से अपना समर्थन मजबूत किया, बाद में शराब घोटाले के आरोपों ने इसके कार्यकाल को खराब कर दिया, यहां तक कि इसके कुछ नेताओं को जेल भी जाना पड़ा।
लेकिन 1998 के बाद भाजपा की वापसी के साथ, दिल्ली के लोग नई सरकार से क्या उम्मीद कर रहे हैं?
अब दिल्ली के मतदाता प्राथमिकताओं में बदलाव की उम्मीद करते हैं, वे राजनीतिक दोषारोपण से वास्तविक शासन की ओर जाना चाहते हैं।
द टेलीग्राफ आनलाइन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उसके रिपोर्टर से बातचीत करते हुए पूर्वी दिल्ली के 30 वर्षीय वरिष्ठ प्रबंधक मुदित गुप्ता को उम्मीद है कि भाजपा सरकार मौखिक आरोप-प्रत्यारोप के बजाय वास्तविक विकास को प्राथमिकता देगी। गुप्ता ने कहा, “हमें उम्मीद है कि नई सरकार पूरी तरह से शहर के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसमें स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शामिल है।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के 21 वर्षीय छात्र सम्यक जैन ने कहा कि उनको उम्मीद है कि नई सरकार प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करेगी और यमुना नदी को साफ करेगी।
उसने कहा कि वह एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जो हमें अपनी सफलता खुद बनाने के लिए सशक्त बनाए। आने वाली सरकार से वह प्रदूषण के स्तर को कम करने और यमुना नदी की सफाई के लिए महत्वपूर्ण कदम चाहते हैं। वह कहते हैं कि दिल्ली के कई इलाकों में गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए।
ग्रेटर कैलाश के 26 वर्षीय अधिवक्ता सक्षम जैन को उम्मीद है कि नई सरकार जानलेवा प्रदूषण के स्तर से राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गंभीर प्रदूषण मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है, जिसमें वायु गुणवत्ता में सुधार, अपशिष्ट प्रबंधन और यमुना नदी की सफाई शामिल है।
मुंडका निवासी 21 वर्षीय कंटेंट प्रोड्यूसर दीपांशु ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आप सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाएं बिना किसी बाधा के जारी रहेंगी और नई सरकार राजधानी में कानून-व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करेगी।
दीपांशु कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि भाजपा साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर काम करे ताकि लोग डिजिटल अपराधों से सुरक्षित रहें और हर जिले में बहुत अच्छी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार को चोरी और डकैती जैसी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए। पिछली सरकार द्वारा अधूरे छोड़े गए सभी बुनियादी प्रोजेक्ट पूरे किए जाने चाहिए। सबसे पहले हमारे मेट्रो और हाईवे हैं,।”
साकेत के 37 वर्षीय उद्यमी जैनेश सिन्हा चाहते हैं कि नई सरकार रोजगार के अवसरों में सुधार करे। उन्होंने कहा, “महंगाई और रोजगार की बढ़ती चिंताओं के कारण मतदाताओं ने मुफ्त सुविधाओं के बजाय स्थिरता को चुना। नई सरकार से मैं दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कौशल केंद्रों और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच बेहतर तालमेल चाहता हूं, जिससे रोजगार के बेहतर परिणाम सामने आएं। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को हमारे वित्तपोषण समाधानों के माध्यम से युवाओं के कौशल विकास में सहयोग करने का विश्वास मिलेगा।” ।
द्वारका की ऑपरेशन मैनेजर 35 वर्षीय मीनाक्षी लेंका को उम्मीद है कि भाजपा सरकार दिल्ली के लंबे समय से चले आ रहे नागरिक मुद्दों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा, “हमें बेहतर सड़कें, कुशल कचरा संग्रहण और उचित जल निकासी व्यवस्था की आवश्यकता है। ये बुनियादी चीजें हैं जो दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं, फिर भी इन्हें नजरअंदाज किया गया है।”
वायु प्रदूषण एक बड़ी चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा, “सरकार को दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। आप ने 2022 में पंजाब में चुनाव जीता, लेकिन फिर भी फसल जलाने पर रोक लगाने में विफल रही। इसके अलावा, यमुना के पानी को साफ करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए।”
दिल्ली के शाहदरा के 49 वर्षीय व्यवसायी इंदर मोहन अरोड़ा ने व्यवसाय क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की उम्मीद जताई।
अरोड़ा ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि व्यापार क्षेत्र के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ-साथ कम कर और प्रोत्साहन की नीतियां होंगी, जिससे व्यवसायों और स्टार्टअप को बढ़ने में मदद मिलेगी। मुझे उम्मीद है कि आने वाली सरकार इसी पर काम करेगी और सुधार करेगी।”