वामपंथी नीतियों और राज्य पर एक नजर 

वामपंथी नीतियों और राज्य पर एक नजर

  मुनेश त्यागी

पिछले अठत्तर सालों की आजादी के दिन बता रहे हैं कि जनता की बुनियादी समस्याओं,,,,,, रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, मंहगाई, बेकारी, भुखमरी, शोषण, अन्याय, भेदभाव और गैरबराबरी,,,,, का हल इस पूंजीवादी व्यवस्था के पास नही है। हां अपने शोषण, अन्याय, भेदभाव, गैरबराबरी और शोषणकारी और अन्यायी व्यवस्था को बनाये रखने के लिये यह जातिवाद, साम्प्रदायिकता, और प्रांतीयता व भ्रष्टाचार और गुंडई को पाल पोस रही है।

पहले कांग्रेस ने काफी हद तक यही किया और अब बीजेपी यही काम कर रही है। बीजेपी की वर्तमान सरकार ने तो सारी हदें पार कर दी हैं। कांग्रेस काफी हद तक और वर्तमान सरकार, पूंजिपतियों की सरकार हैं और वर्तमान मोदी सरकार तो उन्हीं की दौलत को दिन दूनी रात चौगुनी कर रहे है। जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान इसके पास नही है। यह लगातार जनता को गुमराह करने पर आमादा है। वर्तमान हालात ने यह पूरी तरह से साबित कर दिया है कि वर्तमान केन्द्र सरकार जनविरोधी नीतियों को छोड़ने के लिए तैयार नही हैं.

पिछले 11 साल की वर्तमान सरकार के कारनामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह जनता की बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। उसका काम पूंजीपतियों से पैसा लेकर, विकास विकास का नारा लगाकर, जनता को धोखा देकर सिर्फ पूंजीपतियों के हितों को आगे बढ़ाना है। लगातार बढ़ती जा रही आर्थिक असमानता इसका सबसे बड़ा सबूत है। जनता की बुनियादी समस्याओं को हल करने का उसका कोई इरादा नहीं है। अब जनता की बारी है कि इस जनविरोधी और देशविरोधी सरकार की नीतियों को समझें, इनका आंकलन करें।

इस देश की जनता ने पिछले अठत्तर साल से वाम्पंथी नीतियों को नही स्वीकार किया है, हां उनके बारे में थोडा बहुत सुना जरूर है, मगर वह भी टुकडा टुकडा। इन पूंजिपतियों, सामंतों, जातिवादियों, साम्राज्यवादियों और अब साम्प्रदायिक ताकतों के गठजोड़ ने वामपंथियों को एक साजिश के तहत, जानपूछकर बहुत बदनाम किया हुआ है। ये वामपंथ की नीतियां ही हैं जो इस पूंजीवादी व्यवस्था और सामंती व्यवस्था के गठजोड़ को परास्त कर सकती हैं।

वाम्पंथी नीतियां कहती हैं कि सारी जनता को आधुनिक और वैज्ञानिक शिक्षा दो, सबको मुफ्त इलाज दो, सबको अनिवार्य ऱोजगार दो और सबको अनिवार्य घर उपलब्ध कराओ, किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य दो, हदबंदी के बाद फालतू सारी फालतू जमीन को जोतने वालों को दो, सारे मेहनतकशों को न्यूनतम वेतन मौहिया कराओ, सभी वृध्दों को बुढापे की सुरक्षा और 15,000 रू प्रति माह पेंशन दो, समस्त देशवासियों को समाजिक सुरक्षा प्रदान करो, देश में समाजवादी व्यवस्था कायम करो, जहां पूरी जनता के हित, सरकार और समाज की नजरों और नीतियों में सर्वोपरि होंगे, आदमी का आदमी द्वारा तमाम तरह के शोषण खत्म कर दिये जायेंगे, किसी के साथ किसी भी तरह का अन्याय नही होगा। जहां तमाम तरह के शोषण, अन्याय, भेदभाव और गैरबराबरी के सारे चोर दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए जायेंगे।

समाजवादी व्यवस्था कायम होने के बाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता, रंगभेद, नस्लवाद, प्रांतीयता और क्षेत्रवाद का हमेशा के लिए खात्मा कर दिया जायेगा, सारी नीतियां तमाम किसानों, मजदूरों और मेहनतकशों के कल्याण के लिए बनायी जायेंगी। जहां बचपन और बुढापा भीख नही मांगेगा, दहेज के लिए औरतों को जिंदा नही जलाया जायेगा, लडकों की हवश में बच्चियों की भ्रुण हत्या नही की जायेगी, उन्हें पेट में ही नही मारा जायेगा। भाईभतीजावाद, भ्रष्टाचार और कमरतोड़ मंहगाई का समूल विनाश कर दिया जायेगा। जहां पूंजिपतियों, सामंतों और साम्प्रदायिक और जातिवादी ताकतों के गठजोड की सरकार और सत्ता की जगह, मजदूरों और किसानों व मेहनतकशों की सरकार और सत्ता कायम की जायेगी जो आम जनता की भलाई का काम करेगी।

तब शोषणविहीन, अन्यायविहीन, समता समानता और भाईचारे और सामाजिक न्याय के उसूलों और सिद्धांतों से भरपूर, एक नया जमाना आयेगा, जहां धरती नगमें गायेगी, चारों तरफ सहयोग, दोस्ती और भाईचारे की बयार बहेगी, चहुं ओर अमन और कानून का साम्राज्य खडा किया जायेगा, जहां चारो जानिब दोस्ताना व्यवहार, रोजमर्रा का व्यवहार बन जायेगा। जहां दुश्मनी, शोषण, अन्याय, भेदभाव और गैरबराबरी का हमेशा हमेशा के लिए नामोनिशान मिट जायेगा, जहां हर कोई सबके लिए जीयेगा, सब हरेक के लिए जीयेंगे, चारो तरफ भाईचारा और बराबरी की हवा बहेगी, जहां जनता का सच्चा जनवादी, धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी गणराज्य कायम किया जायेगा, जहां धरम राजनीति में हस्तक्षेप नही करेगा और धरम व्यक्ति का निजी मामला बना दिया जायेगा। जहां सरकार की सारी नीतियां सिर्फ चंद पूंजीपतियों के विकास के लिए नहीं, बल्कि सारी जनता और सारे देशवासियों के कल्याण और विकास के लिए बनाए जाएंगे। सरकार और समाज का नारा होगा…

सर्वजनकल्याण, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद जिंदाबाद 

किसानों मजदूरों की जनवादी सरकार जिंदाबाद