HomeBlogमंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! मंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! 14 October 202514 October 2025Pratibimb Media कविता अंत तो मौत है! मंजुल भारद्वाज अंत तो मौत है आओ जी कर देखते हैं ! माना उसके पास सत्ता है,व्यवस्था है उसका हारना कठिन हो पर, आओ ललकार कर देखते हैं ! शरीर भोग है जलकर मिलेगा ख़ाक में आओ चेतना की चिंगारी से दुनिया में उजाला करते हैं! Post Views: 28
पड़ोस पहले किसी भी स्थिति में, चाहे हमारी व्यापक दुनिया के नीतिगत स्तर पर चर्चा और विश्लेषण कितने भी आकर्षक क्यों…
जलेस करनाल का जिला सम्मेलन संपन्न, डॉ. सरिता अध्यक्ष व दीपक वोहरा सचिव बने जलेस करनाल का जिला सम्मेलन संपन्न, डॉ. सरिता अध्यक्ष व दीपक वोहरा सचिव बने करनाल। जनवादी लेखक संघ करनाल के…
एस.पी.सिंह के बेबाक बोलः शब्द का क़त्ल, और इंसानियत का ताबूत बेबाक बोल शब्द का क़त्ल, और इंसानियत का ताबूत एस.पी.सिंह कभी किसी सूफ़ी ने कहा था — “लफ़्ज़ रूह के…