कंगना रनौत के चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा, बताया अफवाह

  • एक्ट्रेस कंगना ने कहा, लोग मथुरा और हिमाचल से भी चुनाव लड़ने की अफवाह फैला रहे
  • बीजेपी की प्रबल समर्थक हैं बालीवुड एक्ट्रेस, हमेशा रहती हैं विवादों में

चंडीगढ़। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से आगामी चुनाव में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के नाम की बहुत तेजी से चर्चा चल रही है। कंगना को 2024 में चंडीगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का अगला उम्मीदवार कहा जा रहा है। हालांकि अभिनेत्री ने इसे सिर्फ अफवाह बताया है। उनका कहना है कि लोग यह भी अफवाह फैला रहे हैं कि मैं लोकसभा का चुनाव मथुरा और हिमाचल से चुनाव लड़ सकती हूं। उधर, चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष ने एक मीडिया संस्थान से कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मंडी की रहने वाली हैं और उनकी पढ़ाई चंडीगढ़ में हुई है। वह भाजपा की कट्टर समर्थक हैं और भाजपा के समर्थन में बालीवुड सितारों से लेकर दूसरे लोगों से उलझती भी रहती हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान कह चुकी हैं। वह एक बार यह भी कह चुकी हैं कि भारत को आजादी तो 2014 में मिली। वह अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं।
चंडीगढ़ से पहले उइइससे पहले हिमाचल के मंडी और उत्तर प्रदेश के मथुरा से भी उनके नाम की चर्चाएं हुई थी। क्योंकि वह मूल रूप से मंडी की रहने वाली हैं, जबकि मथुरा में उनका काफी आना-जाना लगा हुआ है। अभी चंडीगढ़ और मथुरा दोनों जगह से बॉलीवुड स्टार बीजेपी की सांसद हैं।
भाजपा ने भी किया खंडन
हालांकि इस मामले में चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जितेंदर पाल मल्होत्रा का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से जिसे टिकट दिया जाएगा, पूरी पार्टी उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।

वर्तमान में किरण खेर हैं चंडीगढ़ से सांसद

वर्तमान में चंडीगढ़ से बालीवुड एक्ट्रैस किरण खेर सांसद हैं। यह उनका दूसरा टर्म है। काफी पहले से बीजेपी के प्रत्याशी बदलने की चर्चा चलती रही है। जबकि कंगना बीजेपी का मुखर समर्थन करती रहती हैं। इसे लेकर वह लगातार चर्चा में रहती हैं। वह बीजेपी को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं से भिड़ भी चुकी हैं। लेकिन यह जरूर है कि बीजेपी ने अब तक किसी चुनाव में कंगना से प्रचार नहीं करवाया है। किरण खेर यहां के अफसरों से नाराज रहती हैं। पिछले दिनों उन्होंने बयान दिया था कि यहां के अफसर मेरी सुनते नहीं हैं। अगर वे मेरी सुनते तो मैं शहर का काफी विकास करवा देती।