वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू ) में शनिवार को हुई गांधीगीरी ने बरबस ही मीडिया का ध्यान आकृष्ट कर लिया। हुआ यह कि बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) में शनिवार को दिल के मरीजों का इलाज करने वाले कार्डियोलॉजी विभाग में एक बुनियादी सवाल पर प्रबंधन से खींचतान को लेकर प्रोफेसर को अनशन पर बैठना पड़ गया।
इस क्रम में उन्होंने बतौर चिकित्सकीय प्रोफेसर अपना काम नहीं छोड़ा और उपचार को पहुंचे नए व फॉलोअप केस वाले पुराने मरीजों को भी देखा लेकिन फर्श यानी जमीन पर बैठकर। आईएमएस प्रबंधन के खिलाफ प्रोफेसर का ऐसी गांधीगीरी ने सबको प्रभावित किया। कार्डियोलॉजी विभाग का यह वाकया देखते रही देखते विश्वविद्यालय परिसर के साथ ही परिसर से बाहर यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और नेपाल तक से यहां पहुंचने वाले सुदूर इलाकों के मरीजों व उनके परिजनों तक सोशल मीडिया के मार्फत सुर्खियों में छा गया।
कुलपति आवास में अनशन की अनुमति न मिलने पर प्रोफेसर ने उठाया यह कदम
आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर ओमशंकर ने कुलपति आवास के बाहर कुछ देर रहने के बाद अनशन की अनुमति नहीं मिली तो कार्डियोलॉजी विभाग में अनशन शुरू किया। वे जमीन पर बैठकर मरीज देख रहे हैं। इससे पहले सूचना पाकर शनिवार सुबह 11 बजे से कुलपति आवास पर अनशन करने की चेतावनी को लेकर सुबह 10 बजे आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर एसपी सिंह को लेकर प्रोफेसर ओमशंकर के घर पहुंचे।
करीब घंटे भर तक उनकी मांगों को लेकर बातचीत की। निदेशक ने मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया लेकिन प्रोफेसर ओमशंकर ने तुरंत कार्यवाही होने पर ही अनशन समाप्त करने की बात कही। लिहाजा बात नहीं बनी तो निदेशक को बैरंग लौटना पड़ा। इसके बाद प्रोफेसर ओमशंकर कुलपति आवास चले गए और अनशन पर बैठने जा रहे थे कि यहां चीफ प्रॉक्टर अपने प्रोकटोरियल बोर्ड के सदस्य के साथ पहुंचे। तभी वाराणसी शहर के लंका थाना के एसएचओ भी बातचीत करने पहुंच गए। अधिकारियों ने प्रोफेसर ओमशंकर को कुलपति आवास में अनशन न करने के लिए अनुरोध किया।
प्रोफेसर ओमशंकर ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया लेकिन कार्डियोलॉजी विभाग में अपना अनशन जारी रखने का निर्णय लिया। इसके बाद वह अपने कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचे और वहीं जमीन पर बैठकर मरीज देखना शुरू कर दिया। प्रोफेसर ओमशंकर का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाएंगी तब तक अनशन जारी रहेगा।
प्रोफेसर जमीन पर बैठकर मरीजों को देखने लगे तो फैली गांधीगीरी की खबर
प्रोफेसर ओमशंकर ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया लेकिन कार्डियोलॉजी विभाग में अपना अनशन जारी रखने का निर्णय लिया। इसके बाद वह अपने कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचे और वहीं जमीन पर बैठकर मरीज देखना शुरू कर दिया। प्रोफेसर ओमशंकर का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाएंगी तब तक अनशन जारी रहेगा। विभाग में उनके पहुंचने से पहले ही उनके फैसले से अनभिज्ञ मरीज और तीमारदार बड़ी संख्या में उपचार को पहुंच गए थे। विभाग में चल रहे वाकये के बारे में मरीजों या उनके तीमारदारों को तब तक कुछ पता नहीं था।
लेकिन जब प्रोफेसर ओमशंकर कार्डियोलॉजी विभाग में पहुंचे तो मरीजों व उनके तीमारदारों ने उन्हें देखते ही राहत की सांस ली लेकिन प्रोफेसर ओमशंकर के अपने तय कुर्सी-मेज की ओर जाने के बजाय फर्श पर बैठकर देखने के लिए एक-एक मरीजों को बुलाया गया तो सभी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली। वहीं से गांधीगीरी वाली यह खबर चारों ओर तेजी से फैली।