क्रिसमस दिवस पर विशेष
कविता
प्रार्थना
जयपाल
हे यीशु!
जब तुम्हें क्रॉस पर लटकाया जा रहा था
तुम्हारे शरीर में कीलें ठोंकी जा रही थीं
तब भी तुम प्रार्थना कर रहे थे –
हे प्रभु! इन्हें माफ करना
ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं
लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि क्या कर रहे हैं
इसलिए उन्होंने पूरी कीलें ठोंक कर ही दम लिया
फिर एक दिन
उन्होंने उड़ीसा के क्योंझर जिले में
ग्राह्म स्टेन्स और उसके दो मासूम बच्चों को
सबके सामने ज़िंदा जला दिया
उस समय
ग्राह्म स्टेन्स की पत्नी ग्लैडी स्टेन्स ने
फिर तुम्हारी वही प्रार्थना दोहराई
– इन्हें माफ करना प्रभु
ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं
लेकिन वे अच्छी तरह जानते ही नहीं थे
पूरी तरह समझते भी थे
इसीलिए जिंदा जलाया बच्चों सहित
फिर इसी तरह
एक दिन उन्होंने आदिवासियों के पिता
फादर स्टेन स्वामी को
तलोजा मुंबई जेल में मार दिया
इससे पहले
वे दिल्ली और गुजरात कांड रचा चुके थे
ये तो तुम जानते ही हो
क्या तुम उनके लिए अब भी
अपनी वही पुरानी प्रार्थना दोहराओगे!
कि…..
– ‘हे प्रभु माफ करना, ये कुछ नहीं जानते!’

बहुत स्पष्ट और हृदयविदारक कविता ‘प्रार्थना’ । लेकिन ‘ये’ जानते भी हैं और बेशर्म भी हैं । ये सबसे बड़े नास्तिक है। ये उसके प्रसाद में गबन करने वाले हैं ।