क्यों जाएं और कैसे बनाएं वियतनाम घूमने की योजना

संजय श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार हैं। पर्यटन उनका ह़ॉबी है। नई नई जगह पर घूमते फिरते रहते हैं। केवल पर्यटन ही नहीं खेल और खानपान पर भी बहुत बेहतरीन लिखते हैं। अनुवाद भी बहुत अच्छा करते हैं। वियतनाम की यात्रा पर गए थे, वहां उन्होंने जो देखा, अपने लेख में वहां की खूबियों और खामियों को बता रहे हैं। यह लेख उनके फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है। संपादक

क्यों जाएं और कैसे बनाएं वियतनाम घूमने की योजना

संजय श्रीवास्तव

देखिए अगर आपको लग रहा है कि वियतनाम में सब अच्छा ही अच्छा है,तो ऐसा भी नहीं है लेकिन टूरिस्टों के लिए ये खुशनुमा और सुंदर देश है, जिनका स्वागत वो अच्छी तरह करता है. वियतनाम दुनिया के टॉप 20 “स्माइलिंग कंट्रीज़” में शामिल हैं, जहां 89% लोग रोज़ मुस्कुराते हैं.

लेकिन अब ये भी जान लीजिए कि वहां भी निचले दर्जे से लेकर ऊपर स्तर तक भ्रष्टाचार है. हालांकि इस मामले में उसका रिपोर्ट कार्ड हमसे कुछ बेहतर है. वहां भी मीडिया सरकारी भोंपू है. एक दलीय शासन वाला कम्युनिस्ट देश है. सरकार और देश के खिलाफ कोई बात नहीं कर सकते. ब्लॉगर से पत्रकार तक जेल में डाल दिए जाते हैं. अलबत्ता सरकार सबका पेट भरने का भरोसा देती है. अब तो उनका जीवन भी बेहतर हो रहा है. जीडीपी बेहतर. पर कैपिटा इनकम बेहतर. पढ़ाई लिखाई इंटर तक कमोवेश फ्री. इलाज सरकारी अस्पतालों में फ्री. हां प्राइवेट सेक्टर तो वहां भी फैल रहा है. अमीरी और अमीरों के ठाट-बाट वहां भी कोई कम नहीं.

हां…ये सही वियतनाम दुनिया में तेजी से एक पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है. कह सकते हैं कि वहां प्रकृति ने जैसे अपना सारा खजाना लुटा दिया. साथ में उस देश का अनुशासन, खुशमिजाजी के साथ ईमानदारी टूरिस्ट के लिए सोने पर सुहागा है.

वहां कई यूनेस्को विश्व धरोहर हैं. लहराते हुए साफ सुथरे समुद्र तट हैं, चौड़े पाट और खूब पानी के साथ भरी-पूरी नदियां हैं. पहाड़ हैं. विश्व प्रसिद्ध गुफाएं हैं. कुछ नेमत प्रकृति ने दी तो सौंदर्य में कुछ चार चांद खुद वियतनाम वालों ने अपने क्रिएशन से लगाए. वियतनाम जाना आसान है और सस्ता भी. बगैर किसी ट्रैवल एजेंट आप खुद भी वहां जाना प्लान कर सकते हैं. उसका खर्च शायद उतना ही आएगा, जितना भारत के किसी अच्छी जगह पर तरीके से घूमने और ठहरने पर.

टिकट तीन महीने पहले बुक करा लें तो अच्छा और सस्ता होगा. वितजेट, वियतनाम एयरलाइंस, एय़र एशिया और एयर इंडिया की उड़ान वहां के लिए है. आमतौर पर लोग वहां नार्थ से साउथ यानि हनोई से शुरू करके हो ची मिन्ह पर यात्रा खत्म करते हैं और फिर लौट आते हैं. तो यहां बता दूं कि वियतनाम में आमतौर पर हवाई एंट्री प्वाइंट हो ची मिन्ह ही है. आपको वहीं से जाना होगा. मेरी ज्यादातर बुकिंग विटजेट में थी. उसे लेकर लोगों ने बहुत डराया था कि ये कभी भी अपनी फ्लाइट कैंसिल कर देता है. लेकिन मैने ऐसा नहीं देखा. ये सस्ती उड़ान सेवा है. वियतनाम में इस एयरलाइंस के काउंटर बहुत भरे होते हैं. ये वहां की सबसे बड़ी एयरलाइन भी है. बाकी एयरलाइंस थोड़ी बेहतर हो सकती हैं तो थोड़ी महंगी भी.

तो सबसे पहले एयरटिकट अपने प्रोग्राम के अनुसार बुक करा लें. वहां जाने के लिए अक्टूबर से लेकर मार्च तक का महीना बढ़िया माना जाता है. धूप तो खैर मुझे अक्टूबर में भी तीखी लगी. नवंबर से जनवरी के महीनों में कुछ ठंड होती है. इसका पूरा एक सिरा उत्तर से लेकर दक्षिण तक समुद्र के किनारे है तो तूफानों से भी इसका साबका पड़ता ही रहता है. इस बार तो खैर वहां बारिश भी बहुत हुई है. अक्टूबर में कोई दिन ऐसा नहीं गया जबकि बारिश नहीं हुई हो. ऐसा भी वियतनाम में चावल खूब होता है, इसका मतलब यही है कि यहां बारिश भी खूब होती है.

यहां हवाईअड्डे तकरीबन हर जिले में हैं. और हर टूरिस्ट स्पॉट के आसपास एयरपोर्ट हैं ही. एयरपोर्ट पर टिकट काउंटर पर भीड़ होती है लेकिन उनके इमीग्रेशन और सेक्युरिटी चेक पर फटाफट काम होता है. मुझको याद नहीं कि कभी भी वहां चार बार फ्लाइट लेने में सेक्युरिटी चेक पर पांच मिनट से ज्यादा देर लगी हो. क्योंकि उनका सिस्टम काफी बेहतर है.

तो एय़रटिकट लेने के बाद ईवीजा के लिए आवेदन करना होगा. ये आसान काम होता है, आनलाइन हो जाता है. अन्यथा बुक माई ट्रिप समेत कई एजेंट भी ये काम करा देंगे. ईवीजा अप्लाई करने के दो तीन दिन में बनकर आ जाता है. आमतौर पर एक महीने का टूरिंग वीजा मिलता है. ये ध्यान रखें कि वहां पर वीजा आनअराइवल नहीं है. इसके लिए पहले से अप्लाई करना ही होगा. इसकी फीस करीब 2700 रुपए के आसपास है. ये भी देख लें कि आपका पासपोर्ट अगले 6 महीने में एक्सपायर तो नहीं हो रहा. अगर ऐसा है तो शायद आपको कोई देश वीजा नहीं देगा, लिहाजा उसको फिर रिन्यू कराकर ही जाना प्लान करें.

वैसे तो आमतौर पर वियतनाम में हनोई जाकर घूमना ज्यादा बेहतर होता है लेकिन कई बार लोग हो ची मिन्ह से हनोई तक जाते हैं और फिर वहां से वापसी की फ्लाइट पकड़ते हैं. ये पूरा सफर करीब 4 घंटे से कुछ ऊपर का है. वहां का समय भारत से डेढ़ घंटे आगे का है. यानि भारत में जिस समय सुबह से सात बजते हैं तो वहां सुबह के 8.30 बजते हैं. लिहाजा वहां जाकर आपके लैपटॉप और मोबाइल की टाइम सेटिंग फिर से करनी पड़ेगी.

जैसे ही आप एयरपोर्ट से बाहर निकलने लगेंगे तो बाहरी लाऊंज में तमाम करेंसी एक्सचेंज करने वाले और वहां की मोबाइल सिम देने वाले मिल जाएंगे, जहां आपका पासपोर्ट ही दस्तावेज का काम करेगा. ज्यादा बेहतर हो भारत से डॉलर लेकर जाएं, जो किसी भी बैंक या इसे डील करने वाली एजेंसियों से मिल जाएगा. डॉलर को वियतनाम में एयरपोर्ट पर ही डांग में कन्वर्ट कराने की सुविधा रहती है, इसके कई काउंटर वहां मिल जाते हैं. अपने क्रेडिट कार्ड को इंटरनेशनल यूज के लिए एनेबल कर लें. चाहें तो एक फोरेक्ट कार्ड ले लें जो आपके बैंक खाते से लिंक हो. ये भी बेहतर रहेगा. हालांकि मैने जो देखा, उसमें यही लगा कि वियतनाम में कैश का चलन ज्यादा है तो कैश ही रखें. धीरे धीरे जरूरत के हिसाब से डॉलर को डोंग में कन्वर्ट कराते रहें.

जिस तरह हमारे यहां ओला, उबर कैब के एप हैं, उसी तरह वहां पर ग्रैब है, जो सिंगापुर, वियतनाम, मलेशिया, कंबोडिया जैसे साउथ ईस्ट एशियन कंट्रीज में चलता है. इसे डाउनलोड कर लें. ये काफी उपयोगी रहता है. इसके जरिए टैक्सी सस्ते में मिल जाती हैं. वियतनाम में कैब बहुत साफसुथरी और अच्छी कंडीशन वाली ही मिलती हैं. ड्राइवर अच्छे बिहेवियर वाले.

होटल के कमरे साफसुथरे होते हैं और रोज उनकी सफाई होती है. साथ में पानी की आधा लीटर की दो बोतलें मिलती हैं, उससे ऊपर का पानी पैसे से. पांच सितारा होटलों में बीयर की दो केन भी फ्री में रखी जाती है.

वहां पर कारें, बाइक और स्कूटी आराम से किराए पर ड्राइव के लिए मिल जाती हैं लेकिन उसके लिए आपके पास इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए. जो आपको स्थानीय आरटीओ से मिल सकता है. इस टूर पर जाने के लिए टूर इंश्योरेंस कराना चाहिए. लेकिन इसे बहुत महंगा नहीं लें. क्योंकि आमतौर पर इसकी जरूरत पड़ती नहीं है, ये यात्रा का जरूरी दस्तावेज भी नहीं है लेकिन तब भी इसे रखें.

फ्लाइट बुक कराने के बाद सबसे बड़ा काम वियतनाम में जगह जगह घूमने के लिए प्रोग्राम बनाना और कहां कितने रुकना है ये तय करना है. मैने तो इसके लिए चैप जीपीटी एआई की मदद ली और ये काफी उपयोगी रहा. हालांकि हम वहां अक्टूबर में गए, जिसको वहां का बेहतर महीना माना जाता है लेकिन वहां तकरीबन रोज ही बेमौसम बरसात मिली. एक दो जगह तूफान की चेतावनी भी. हालांकि तूफान जैसा तो कुछ नहीं मिला. लिहाजा एक बार प्रोग्राम बनाने से पहले मौसम की जांच भी कर लें.

हमने हनोई से शुरुआत की. फिर होई एन गए. फिर दा नांग और सबसे आखिर में हो ची मिन्ह. हनोई में हम चार दिन रुके. एक दिन का टूर वहां से हालांग बे का क्रूज का लिया. अगले दिन हमें निन बिन्ह जाना था, जहां खूबसूरत खेत और ऐतिहासिक जगहों के साथ प्राकृतिक सुंदरता बिखरी पड़ी लेकिन बारिश के कारण वहां नहीं जा सके. सारी होटल बुकिंग बुक माई ट्रिप से की. जो आसानी से हुई. इसी से हालांग बे के लिए क्रूज की बुकिंग करा ली. इससे आप वहां घूमने के लिए बहुत कुछ बुक करा सकते हैं और जान भी सकते हैं.

एक बात और जान लें कि पूरे वियतनाम में होटलों का चेक-इन टाइम दोपहर 2 बजे और चेक आउट 12 बजे है. वैसे होटलों का इंटरनेशनल चेकइन और चेकआउट टाइम यही है लेकिन इससे आधा दिन खराब भी होता है. लेकिन वियतनाम के सारे होटलों में जल्दी पहुंचने पर सामान रखने की सुविधा होती है. यही सुविधा चेकआउट के बाद भी मिलती है. सामान बिल्कुल सुरक्षित रहता है.

हनोई में देखने औऱ करने के लिए बहुत कुछ है. यहां ट्रेन स्ट्रीट जाएं तो एग काफी पिएं. कुछ म्यूजियम देखें. कैथेड्रल देखें. बड़ी लेक के आसपास बहुत कुछ हैपनिंग होता रहता है. सुबह और शाम को ये लेक घूमने और एंजॉय के लिए शानदार जगह है. यहीं पर एक पैगोडा भी है. होटल अगर ओल्ड क्वार्टर्स में लेंगे तो हनोई को भरपूर तरीके से फील करेंगे. यहां बीयर स्ट्रीट है. खाने के लिए भरपूर जगहें. इंडियन रेस्तरां भी. नाइट स्ट्रीट मार्केट भी, जो रात 9 बजे से सजना शुरू होता और देर रात तक लगता है.

यहां वियतनाम के राष्ट्रपिता हो ची मिन्ह के म्युसोलियम जरूर जाएं तो प्रेसीडेंट हाउस भी, जहां हो ची मिन्ह करीब सादगी से रहते थे. चूंकि वियतनाम और हनोई फ्रेंच उपनिवेश थे लिहाजा काफी पुरानी फ्रेंच बिल्डिंग दीख जाएंगी और नए भवनों पर भी फ्रेंच स्टाइल की छाप है.

हम हनोई 10 दिन रुके. इसमें चार दिन हनोई, दो दिन होई एन, एक दिन दा नांग और एक दिन हो ची मिन्ह. अब लगता है कि हो ची मिन्ह एक दो दिन और रुकना चाहिए था.

वैसे वियतनाम 10 दिनों में घूमने के लिए एकदम परफेक्ट देश है. तीन दिन हनोई के लिए रखें. यहीं से एक दिन की ट्रिप निन बिन्ह के लिए ले लें. एक दिन हालोंग बे के लिए. इसमें एक दिन और रात वहां क्रूज पर बिताएं या फिर नाइट स्टे हालांग बे के किनारे होटलों में भी.या फिर रात में वापस हनोई लौट सकते हैं. क्योंकि यहीं से आपको दा नांग के लिए फ्लाइट लेनी होगी.

दा नांग और होई एन करीब सटे हुए हैं. उनके बीच 45 मिनट की ड्राइव का अंतर है. कुछ लोग दा नांग में ही रुककर होई एन जाते हैं. ऐसा बिल्कुल मत करें क्योंकि होई एन में रुकने का जो फील है, वो वहीं रहने पर मिलेगा. सही मायनों ये जगह शाम होते ही परीलोक सी लगने लगती है. ऐसा स्वप्नलोक जहां वहीं जीवन की हर शाम बिताने का मन करता है. ये यूनेस्को हैरिटेज कस्बा है. यहां का हर कोना शाम से देर रात तक परफेक्ट फ्रेम सा लगता है. यहीं पर टेलर लेन है. जहां 100 डॉलर में शानदार कपड़े का शानदार फिटिंग वाला सूट 24 घंटे के अंदर तैयार होकर मिल जाएगा.

वैसे होई एन पर एक अलग लेख लिखूंगा. क्योंकि वो ऐसी जगह है, जो दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी. दरअसल ये कोई सौ साल पहले विदेशी व्यापारियों की कॉलोनी थी, जिसमें भारतीय, जापानी, चाइनीज व्यापारियों के आलीशान बंगले थे. वो यहां व्यापार करने आते थे. यहां अपनी ब्रांच खोली हुई थी. यहां की नदी पर रोज लैंटर्न फेस्टिवल का समां बंधता है.

होई एन से ही दिन में माई सन, माउंट लेडी बुद्धा और वाटर कोकोनट ट्रिप घूमने के लिए टैक्सी ले सकते हैं. आपका होटल आराम से इसको अरेंज करा देगा. होई एन में शांत समुद्र भी है, वहां भी जा सकते हैं. यहां से दा नांग चले जाइए. कोशिश करिए कि वहां दा नांग बीच के सामने ही होटल लीजिए. यहां पांच सितारा होटल भी रोज के 10,000 रुपए के आसपास मिल जाएंगे. दा नांग से ही करीब 45 मिनट की ड्राइव पर हाथों वाला गोल्डेन ब्रिज है, जिसकी तस्वीरें आपने खूब देखी होंगी. बहुत शानदार जगह है. ऊपर उसको काफी शानदार तरीके से फ्रेंच कस्बे के रूप में विकसित किया गया है. वहां भी अच्छे होटल हैं. इसमें रुक भी सकते हैं. दा नांग में ही ड्रैगन ब्रिज है, रात में ड्रैगन से आग निकलती है. दा नांग से हो ची मिन्ह के लिए लगातार उड़ानें हैं. हो ची मिन्ह में दो तीन दिन रुक सकते हैं. वहां आसपास घूमने के लिए कई टूर पैकेज मिल जाएंगे, लेकिन वहां वार रेमनेंट म्यूजियम जरूर जाएं, ये ऐसा म्यूजियम है, जो आंखें नम कर सकता है. यहां शानदार मार्केट हैं. यहीं से फ्लाइट लें और भारत वापस आ जाएं.

हां आखिर में बता देता हूं कि एक भारतीय रुपया 300 डांग के बराबर होता है, ये बेशक ज्यादा लगे लेकिन वहां चीजें जिस दाम में मिलती हैं तो समझ लें कि महंगाई वहां भी खासी है. लेकिन इसके बाद भी वो यूरोप की तुलना में तो काफी सस्ता टूरिंग डेस्टिनेशन है.

लेखक- संजय श्रीवास्तव

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