रूस के राष्ट्रपति पुतिन साथ क्या खिचड़ी पका रहे ट्रंप

अमेरिका साइबर कमांड ने रूस के खिलाफ निगरानी निलंबित करने का आदेश दिया

डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ मिलकर क्या कोई नई खिचड़ी पका रहे हैं। दूसरी बार राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से ट्रंप की अब तक की कारगुजारियां तो तो कुछ इसी तरह का संकेत दे रही हैं।

अमेरिकी मीडिया सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी साइबर कमांड ने रूस के खिलाफ निगरानी निलंबित करने का आदेश दिया है। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि रूस पर अब कोई साइबर निगरानी न हो।  देश के कई सैन्य अधिकारियों को ट्रंप प्रशासन के इस फैसले में संदेह का बादल नजर आ रहे हैं।

कुछ सैन्य अधिकारियों का मानना ​​है कि यदि अमेरिका रूस की सैन्य निगरानी समाप्त कर देता है, तो उस देश की अधिकांश गुप्त जानकारी मॉस्को के हैकरों के हाथों में आ जाएगी। ऐसे में सामरिक दृष्टि से अमेरिका अपने प्रतिद्वंदी रूस से काफी कमजोर हो सकता है।

ट्रंप की अब तक के फैसले तो यही बता रहे हैं कि दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने रूस के साथ दूरियां कम करने का संकेत दिया है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की। उस संबंध में, कई लोग मॉस्को पर साइबर निगरानी को निलंबित करने के निर्णय को महत्वपूर्ण मानते हैं।

सीएनएन ने एक पूर्व अमेरिकी साइबर कमांड अधिकारी के हवाले से कहा कि पेंटागन ने अतीत में किसी देश के साथ संबंधों को सामान्य बनाने या सहमति बनाने के लिए संबंधित देश के खिलाफ साइबर निगरानी रोकने का फैसला किया है। इस बारे में अफवाहें शुरू हो चुकी हैं कि क्या अमेरिका रूस के मामले में नई समझ की राह पर है.

जो बाइडन के कार्यकाल में भले ही मॉस्को और वाशिंगटन के बीच दूरियां बढ़ी हों, लेकिन ट्रंप ने उस दूरी को कम करने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन युद्ध ख़त्म करने के लिए अमेरिका और रूस सऊदी अरब में मिले। लेकिन यूक्रेन उस बैठक में शामिल नहीं हुआ. फिर, ट्रम्प को पुतिन के खिलाफ अपना मुंह खोलते नहीं देखा गया, भले ही उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए व्हाइट हाउस में वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की बात सुनी। हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र में रूस की “आक्रामकता” की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया गया। गौरतलब है कि ट्रंप का अमेरिका इस प्रस्ताव के विरोध में रूस के साथ खड़ा है।