आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं: मोदी

आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं: मोदी

ब्रासीलिया।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और ब्राजील आतंकवाद तथा इसका समर्थन करने वालों का कड़ा विरोध करते हैं। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान और उसके सदाबहार मित्र चीन की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मानदंड के लिए कोई जगह नहीं है।

मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डी सिल्वा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा, “आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने और इसे लेकर दोहरा मानदंड न अपनाये जाने की नीति को लेकर हमारी सोच एक जैसी है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिये बिना कहा कि भारत और ब्राजील आतंकवाद और उसका समर्थन करने वालों का कड़ा विरोध करते हैं। पूर्व में भारत ने पाकिस्तान को “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” बताया है।

मोदी ने पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा, ‘‘आतंकवाद के मामले में दोहरे मानदंड के लिए कोई स्थान नहीं है।’’

पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के भारत और उसके सहयोगियों के प्रयासों को अवरुद्ध किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति लूला की एकजुटता और समर्थन के लिए उनका आभार जताया। गत अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित बहुआयामी संबंधों पर व्यापक चर्चा की।

जायसवाल ने बताया कि दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण खनिजों, नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सुपर कंप्यूटर, डिजिटल सहयोग और गतिशीलता के नये क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने अगले पांच वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया।

वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जारी संघर्षों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्राजील इस बात पर एकमत हैं कि सभी विवादों को बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “आज जब दुनिया तनाव और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, भारत-ब्राजील साझेदारी स्थिरता और संतुलन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।”

उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में बढ़ता सहयोग भारत और ब्राजील के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हम अपने रक्षा उद्योगों को जोड़ने के अपने प्रयास जारी रखेंगे।”

प्रधानमंत्री ने कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में दशकों पुराने द्विपक्षीय सहयोग के बारे में भी बात की और कहा कि दोनों पक्ष कृषि अनुसंधान और खाद्य प्रसंस्करण पर भी मिलकर काम करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हम दोनों पक्षों के लिए लाभकारी सहयोग का विस्तार कर रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सुपर कंप्यूटर में हमारा सहयोग बढ़ रहा है। यह समावेशी विकास और मानव-केंद्रित नवाचार के हमारे साझा दृष्टिकोण का प्रमाण है।’’

उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा दोनों देशों की मुख्य प्राथमिकताएं हैं। इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आज हस्ताक्षरित समझौता हमारे हरित लक्ष्यों को नयी दिशा एवं गति प्रदान करेगा।”

उन्होंने देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए सरकार और ब्राजील के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह न केवल उनके लिए बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए भी बहुत गर्व और भावना का क्षण है।

रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे मोदी ने कहा कि ब्राजील की उनकी यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करेगी।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का ब्रासीलिया के अल्वोराडा पैलेस में 114 घोड़ों की एक अनूठी परेड के साथ भव्य औपचारिक स्वागत किया गया। मोदी ने अपने स्वागत के दौरान एक भारतीय शास्त्रीय भजन प्रस्तुति भी देखी।