Blogगीत ग़ज़ल एस.पी. सिंह की ग़ज़लः जिन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा लगता है ग़ज़लः जिन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा लगता है एस.पी. सिंह ज़िन्दगी का हर ज़ख़्म अब मरहम लगा… Pratibimb Media7 October 2025