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मुनेश त्यागी की कविता- आज के असली रावण

कविता- आज के असली रावण मुनेश त्यागी   दंगे झूठ छल हिंसा। कपट दहेज हत्याएं महंगाई। मक्कारी भ्रष्टाचार प्रांतीयता जातिवाद।…