सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से मूल रिकॉर्ड मांगा

16 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी उद्धव की याचिका पर अंतिम सुनवाई आठ अप्रैल को

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित विधायकों को अयोग्य ठहराने के अनुरोध संबंधी उद्धव ठाकरे समूह की याचिका से जुड़े मूल रिकॉर्ड बृहस्पतिवार को मंगवाने का निर्देश दिया।

विधानसभा अध्यक्ष ने 10 जनवरी को एक आदेश में जून, 2022 में विभाजन के बाद शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को ‘‘मूल राजनीतिक दल’’ घोषित किया था। उन्होंने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के अनुरोध संबंधी ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शिंदे गुट द्वारा ठाकरे खेमे पर रिकॉर्ड में जालसाजी किये जाने का आरोप लगाने के बाद मूल दस्तावेज मांगा है।

शीर्ष अदालत ने पहले ठाकरे समूह की याचिका पर नोटिस जारी किया था। न्यायालय ने शिंदे और उनके विधायकों को एक अप्रैल या उससे पहले जवाब दाखिल करने के लिए कहा और याचिका को आठ अप्रैल को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

पीठ ने कहा कि वह याचिका की विचारणीयता के मुद्दे को खुला रख रही है।सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की एक याचिका पर 22 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे और कुछ अन्य विधायकों से जवाब मांगा था।

ठाकरे गुट ने विधायक सुनील प्रभु के माध्यम से दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शिंदे ने ‘‘असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली’’ और ‘‘असंवैधानिक सरकार’’ का नेतृत्व कर रहे हैं।अध्यक्ष ने कहा था कि जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था।