राष्ट्रपति मुर्मू ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना किया, किसानों का पुनर्विचार का आग्रह

किसानों का  प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से डल्लेवाल की भूख हड़ताल पर बातचीत करना चाहता था

संयुक्त किसान मोर्चा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए उनके कार्यालय को एक पत्र लिखा था। राष्ट्रपति के कार्यालय में संयुक्त किसान मोर्चा को लिखे पत्र में जानकारी दी थी कि उनकी मांग पर विचार किया जा रहा है, लेकिन बाद में जवाब आया कि समय की कमी के कारण राष्ट्रपति मोर्चा के प्रश्न मंडल से नहीं मिल सकते हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को चारी एक बयान में कहा इस बात पर दुख जताया है की समय की कमी के कारण राष्ट्रपति ने किसानों से मिलने से इनकार कर दिया है।

स्क्रीन में राष्ट्रपति से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। संजू किशन अनमोल चैनल कहां की ऐसे सोशल समय में जबकि किसान नेट का जीवन संकट में है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट उनके मुद्दे को सुलझाने से बहुत दूर है। साथी यह लोग किसान नेता जगजीत सिंह ढलवाल जो की 41 दिन से भूख हड़ताल पर हैं, का जीवन बचाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम है।

सिद्धांतों का पालन 

एसकेएम में राष्ट्रपति से कहा है कि चूंकि वह देश की मुखिया हैं वह संवैधानिक संस्थाओं, कार्यपालिका की प्रमुख है इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वह किसानों से बातचीत करें।

किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुलझाने के बजाय एनडीए तीन सरकार एग्री बिजनेस कॉर्पोरेट के पक्ष में होकर किसानों, कृषि मजदूरों, छोटे दुकानदारों और छोटे उत्पादकों के जीवन को बर्बाद करने और किसानों का लोकतांत्रिक हक छीनने के लिए न्यू नेशनल पालिसी फ्रेमवर्क आन एग्रीकल्चर मार्केटिंग-एनपीएफएम लाना चाहती है जो कि तीन कृषि कानूनों से भी खतरनाक है।