HomeBlogमंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! मंंजुल भारद्वाज की कविता – अंत तो मौत है! 14 October 202514 October 2025Pratibimb Media कविता अंत तो मौत है! मंजुल भारद्वाज अंत तो मौत है आओ जी कर देखते हैं ! माना उसके पास सत्ता है,व्यवस्था है उसका हारना कठिन हो पर, आओ ललकार कर देखते हैं ! शरीर भोग है जलकर मिलेगा ख़ाक में आओ चेतना की चिंगारी से दुनिया में उजाला करते हैं! Post Views: 27
इतिहास रचेगा वैली ऑफ वर्ड्स का साहित्य महोत्सव 16 नवंबर को देहरादून में जुटेंगे देश के प्रसिद्ध लेखक और विद्वान देहरादून। वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य महोत्सव का आठवां…
न गांधी याद रहे न उनकी सीख और सपने मुनेश त्यागी महात्मा गांधी एक भारतीय यानी हिंदुस्तानी थे। वे एक कमाल के आदमी थे। वे हिंदू मुस्लिम…
कांग्रेस और आप को दिल्ली विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए था: अमर्त्य सेन शांतिनिकेतन (प.बंगाल)। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच एकजुटता की ‘‘जबरदस्त जरूरत’’ की वकालत करते हुए नोबेल पुरस्कार…