मुनेश त्यागी की कविता – देशभक्ति समझने लगे हैं लोग!

  देशभक्ति समझने लगे हैं लोग!

मुनेश त्यागी

नफरत   और   हिंसा   करने  को,

विरोधियों को दुश्मन समझने को, 

देशभक्ति  समझने  लगे हैं  लोग।

संदेह होने  पर  मारपीट  करने को,

निर्दोषों को पीट-पीटकर मारने को,

देशभक्ति   समझने  लगे  हैं  लोग।

दंगा  फसाद  झगड़ा  करने  को,

मकान  दुकान  घर  जलाने  को,

देशभक्ति समझने  लगे  हैं लोग।

विरोधियों को  गद्दार बताने  को,

झूठ को सांप्रदायिक रंग देने को,

देशभक्ति  समझने लगे हैं  लोग।

देशद्रोही   बातों   को  कहने  को,

देशभक्तों को राष्ट्रद्रोही कहने को,

देशभक्ति  समझने  लगे हैं  लोग।

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